सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) को उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में अंतरिम जमानत दे दी. इसके बाद मोहम्मद जुबैर को करीब रात 9.30 बजे तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया. जुबैर पर कुछ हिंदुत्व नेताओं को 'नफरती' कहने और 'विवादित तस्वीर' ट्वीट करने के लिए मामले दर्ज किए गए थे.
मोहम्मद जुबैर को 20,000 रुपये के जमानत बांड के साथ जमानत पर रिहा किया गया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जुबैर अपने खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जुबैर को यूपी में प्रत्येक एफआईआर पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश देते हैं. साथ ही कहान कि गिरफ्तारी की शक्तियों प्रयोग कम से कम किया जाना चाहिए. हम जुबैर को यूपी में प्रत्येक प्राथमिकी पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश देते हैं.
दिल्ली पुलिस जुबेर को साल 2018 के जिस ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किया था, उसमें दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पहले ही जमानत दे दी थी.
बता देंं कि एक बाल सुरक्षा से संबंधित FIR में पूछताछ के लिए बुलाया गया, और एक फेक न्यूज मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, ये सब जून के बाद से हुआ है. जुबैर ने मई में नुपूर शर्मा का वीडियो साझा किया था, जिससे दुनिया भर में भारत की आलोचना हुई.
एक दर्जन से अधिक इस्लामिक देशों ने प्रवक्ता की टिप्पणी की उग्र आलोचना की थी, तब से जुबैर के खिलाफ एफआईआर की बाढ़ आ गई थी.
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