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मोहन भागवत जी, क्या आप जानते हैं सेना की ट्रेनिंग होती कैसे है?

मोहन भागवत का ये दावा आपको चौंकाएगा भी, हंसाएगा भी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया यानी सरसंघचालक मोहन भागवत को लगता है कि उनके स्वयंसेवक भारत की सीमाओं की रक्षा करने को महज तीन दिन के भीतर प्रशिक्षित हो सकते हैं. उन्हें लगता है कि यही काम करने में भारत की आर्मी और दूसरी सेनाओं को 6 से 7 महीने लग जाएंगे.

भागवत ने ये दावा, 11 फरवरी को बिहार में हुए संघ स्वयंसेवकों के सम्मेलन में किया. उन्होंने ये भी कहा कि संघ पारिवारिक संगठन है न कि सैन्य संगठन लेकिन अगर हालात बनें और संविधान इजाजत दे तो रातों-रात संघ एक सैन्य संगठन में बदल सकता है.

संघ के स्वयंसेवक सिर्फ 3 दिन में मोर्चा संभालने के लिए तैयार हो सकते हैं जबकि सेना को 6 से 7 महीने लगेंगे. ये हमारी क्षमता है. अगर देश को जरूरत पड़े और संविधान इजाजत दे तो स्वयंसेवक सीमा पर मोर्चा संभालने को तैयार हो सकते हैं.
मोहन भागवत, सरसंघचालक
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जहां सेनाओं की ट्रेनिंग बेहद कड़ी और अनुशासित ढंग से होती है वहीं संघ के स्वयंसेवक लाठियां चलाने का प्रशिक्षण लेते हैं. सैनिक बनने के लिए शारीरिक ट्रेनिंग के अलावा मानसिक मजबूती के लिए भी कई इम्तेहानों से गुजरना पड़ता है. मौसम चाहे ठंडा हो, गर्म हो एक सैनिक को हिम्मत न हारने और डटे रहने की ट्रेनिंग मिलती है, खास तरह से डिजाइन किए ढांचों और ड्रिल पर चलना होता है जबकि संघ की ट्रेनिंग के वीडियो उस तुलना में आपको बचकाने लगते हैं.

वीडियो एडिटर- मो. इब्राहिम

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