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मूड ऑफ द नेशन सर्वे: पीएम मोदी अब भी बेस्ट, लेकिन लोकतंत्र को बताया खतरे में

PM मोदी के दूसरे कार्यकाल और महामारी के दो साल में अधिकतर भारतीयों को अर्थव्यवस्था संभालने में केंद्र पर विश्वास है.

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इंडिया टुडे ने शुक्रवार, 21 जनवरी को अपना राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण जारी किया है, जिसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे को जारी किया गया है जो हर साल जनवरी और अगस्त में किया जाता है.

अब इस सर्वे के अनुसार, देश का मिजाज क्या है? भारतीय लोकतंत्र की स्थिति के बारे में नागरिक कितना चिंतित हैं? क्या अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तरजीह दी जा रही है? आइए जानते हैं.

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सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्फोर्मेंस के बारे में उनका क्या मानना है.

सर्वेक्षण के अनुसार, पीएम मोदी को अभी भी सबसे अच्छा प्रधानमंत्री माना जा रहा है, लेकिन फिर भी गंभीर चिंताएं बनी हैं, जैसे कि आर्थिक मंदी, कोरोना, महामारी और लॉकडाउन.

सर्वे में लोगों से एक और सवाल पूछा गया कि बढ़ती महंगाई, नौकरियों की कमी, घटती आय और अर्थव्यवस्था भी क्या चिंता का कारण है.

सर्वेक्षण में बताया गया कि, “पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल और महामारी के दो साल में अधिकतर भारतीयों को अर्थव्यवस्था संभालने में केंद्र पर विश्वास है. हालांकि, महंगाई, नौकरियों की कमी और घटती आय किसी भी अच्छे दृष्टिकोण को प्रभावित करती है."

'43 फीसदी लोगों का मानना है कि लोकतंत्र खतरे में है'

सर्वे में लोगों से पूछा गया कि भारत में लोकतंत्र की क्या स्थिति है.

सर्वे में जवाब दिया गया कि, "भारतीय लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में जनता की चिंता अधिक बनी हुई है ... सर्वेक्षण में 43.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है."

कोरोना की जारी तीसरी लहर को लेकर और देश में वैक्सीनेशन को लेकर भी लोगों से सवाल किया गया. अधिकतर लोगों ने केंद्र सरकार के वैक्सीनेशन अभियान और कोरोना से लड़ने के प्रयासों की सराहना की.

सर्वे में यह भी पूछा गया कि क्या कांग्रेस से आगे बढ़कर विपक्ष का नया स्वरूप देखने को मिल सकता है. इस पर जवाब में कहा गया, राहुल गांधी अभी भी कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए सबसे आदर्श स्थान पर हैं, लेकिन ममता बनर्जी को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए एक बेहतर उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है.

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