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आर्थिक मंदी की आहट, Moody’s ने घटाई भारत की अनुमानित विकास दर

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने GDP ग्रोथ अनुमान 6.8 फीसदी से घटाकर 6.2 फीसदी किया

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अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी Moody’s ने 2019 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है. पहले एजेंसी ने इसे 6.8 फीसदी पर रखा था, जिसे घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया गया है. मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि नौकरियों पर संकट और कमजोर निवेश की वजह से अर्थव्यवस्था सुस्त बनी हुई है.

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मूडीज ने एक बयान में कहा, साल 2019 के लिए भारत में जीडीपी ग्रोथ 6.8 फीसदी का अनुमान लगाया गया था. 2020 के लिए भी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.30 फीसदी से 0.6 अंक घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया गया है. अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती ने एशियाई निर्यात पर प्रतिकूल असर डाला है. साथ ही कारोबार का अनिश्चित माहौल निवेश पर भारी असर पड़ा है.

मूडीज के मुताबिक, 2017 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.9 फीसदी और 2018 में 7.4 फीसदी का विस्तार हुआ था. जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट पांच साल के निचले स्तर 5.8 फीसदी पर पहुंच गया था.

RBI ने भी घटाया था GDP अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी इस महीने की शुरुआत में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को कम किया था. घरेलू और वैश्विक मांग में नरमी रहने के कारण आबीआई ने 2019-20 में देश की जीडीपी 6.9 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था.

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में लगातार चौथी बार रेपो रेट (35 अंक) में कटौती करने का भी फैसला किया था. साथ ही, एमपीसी ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट सात फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया.

आरबीआई ने पहले जून में 2019-20 के लिए जीडीपी सात फीसदी का अनुमान जताया था. वहीं, वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी विकास दर 6.4 फीसदी से 6.7 फीसदी के बीच और दूसरी छमाही में 7.2 फीसदी से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.

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