गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) में ब्रिटिश काल का एक पुल लोगों के लिए काल बन गया. पुल गिरने से करीब 132 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए है. लोग यहां छठ पूजा के लिए इकट्ठा हुए थे और पूजा के दौरान ही उनकी जान चली गई. बताया जा रहा है कि इस पुल पर क्षमता से ज्यादा लोगों के इक्ट्ठा होने की वजह से ये हादसा हुआ.
क्या है पुल का इतिहास?
पुल का इतिहास करीब 143 साल पुराना बताया जा रहा है. 143 साल पुराने सस्पेंशन ब्रिज का उद्घाटन पहली बार 20 फरवरी, 1879 को तत्कालीन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था. इस हैंगिंग ब्रिज की लंबाई करीब 765 फीट है. यहां सैलानी घूमने के लिए आते रहते हैं. इस पुल को बनाने के लिए ब्रिटेन से सामान मंगवाया गया था. ये पुल 1.25 मीटर चौड़ा और 230 मीटर लंबा था.
इस पुल के मरम्मत कि जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च 2022 से 2037 तक के लिए इस ग्रुप ने नगरपालिका के कॉन्ट्रैक्ट किया है.
बताया जा रहा है कि पुल का फिटनेस सर्टिफिकेट लेना बाकी था, इसके अलावा सरकार के तीन एजेंसियों से इसकी जांच भी होनी थी, लेकिन पहले ही इस पुल का उद्घाटन कर दिया गया. हादसे के वक्त इस पुल पर 500 से ज्यादा लोग मौजूद थे, जबकि इसकी क्षमता 100 लोगों की था.
उस समय पुल के निर्माण की लागत 3.5 लाख रुपये थी और इसे दरबारगढ़ को नजरबाग से जोड़ने के लिए बनाया गया था.
यह पुल पिछले दो सालों से बंद था और गुजराती नव वर्ष के अवसर पर 26 अक्टूबर को रिनोवेशन के बाद इसे फिर से खोल दिया गया था.
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