निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई. इन दोषियों की फांसी पर निर्भया की मां का कहना है कि यह एक लंबा संघर्ष था. उन्होंने कहा, ''आखिरकार उनको फांसी पर लटका दिया गया. यह लंबा संघर्ष था. आज हमें न्याय मिल गया. यह दिन देश की बेटियों को समर्पित है. मैं न्यायपालिका और सरकार का शुक्रिया अदा करती हूं.''
निर्भया की मां ने कहा, ‘’हमारी बेटी अब नहीं है और वो लौटेगी भी नहीं. हमने उसके जाने के बाद यह लड़ाई शुरू की थी. यह संघर्ष उसके लिए था, लेकिन हम हमारी बेटियों के लिए भविष्य में भी इस लड़ाई को जारी रखेंगे.’’
इसके अलावा उन्होंने कहा
- महिलाएं निश्चित तौर पर सुरक्षित महसूस करेंगी. इन चारों की फांसी के बाद, जो हम कहते हैं कि हमें अपने बेटों को सिखाना है, वो अपने आप परिवार सिखाना शुरू करेगा कि ऐसा कुछ करोगे तो जैसे इन चारों को फांसी हुई है, आपको भी होगी.
- मैं जैसे ही सुप्रीम कोर्ट से आई. मैंने (निर्भया की) तस्वीर को गले लगाया. मैंने कहा कि बेटा आज आपको इंसाफ मिल गया.
23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा (निर्भया) से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में गैंगरेप किया गया था और उस पर बर्बरता से हमला किया गया था. निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई थी, जहां उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था.
निर्भया मामले में चारों दोषियों और एक नाबालिग सहित छह व्यक्ति आरोपी के तौर पर नामजद थे. छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. एक सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद 2015 में नाबालिग को रिहा कर दिया गया था.
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