मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट 2019 लागू होने के बाद से ट्रैफिक चालान में कमी आई है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से जारी एक आंकड़े के मुताबिक भारी जुर्मानों के डर से दिल्ली वालों ने रूल तोड़ने कम कर दिए हैं. पिछले साल सितंबर महीने के मुकाबले इस साल सितंबर में 66 फीसदी कम चालान हुए हैं.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2018 में कुल 5,24,819 चालान हुए थे. वहीं इस साल यानी 2019 सितंबर महीने में सिर्फ 1,73,921 चालान हुए.
हालांकि दिल्ली में चालान होने की एक वजह ये भी रही है कि मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद ट्रैफिक पुलिस चालान के मामलों को कोर्ट के लिए भेज रही है. पुलिस को अभी चालान के पूरे अधिकार नहीं मिले हैं. ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि इस नए कानून के लागू होने के बाद सड़क दुर्घटना में हुई मौत के आंकड़े कुछ ही दिनों में सामने आएंगे.
भारी भरकम चालान का डर
दिल्ली में चालान के आंकड़े बताते हैं कि अब लोग आसानी से ट्रैफिक रूल नहीं तोड़ रहे हैं. जहां पहले 100 या 500 रुपये के चालान में बात बन जाती थी, वहीं अब 1 हजार रुपये से लेकर 10 हजार तक के चालान हैं. अगर ट्रैफिक रूल तोड़ने वाले के पास अन्य कागजात भी नहीं हैं तो चालान की रकम हजारों रुपये तक पहुंच सकती है. हाल ही में दिल्ली में 50 हजार से भी ज्यादा के चालान की कई खबरें सामने आई थीं. इसी भारी भरकम चालान का डर अब ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े बता रहे हैं.
चालान को लेकर अफवाहें
भारी भरकम चालान का खौफ कुछ इस तरह से लोगों के दिमाग पर चढ़ा है कि लोग ट्रैफिक रूल्स तो फॉलो कर ही रहे हैं, इसके अलावा ऐसी भी कई चीजें फॉलो की जा रही हैं, जिन पर चालान है ही नहीं. कई चीजों को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं. इन अफवाहों को चालान के डर से लोग मान भी रहे हैं. ऐसी सभी अफवाहों के बाद लोग डर के मारे जूते पहनकर ही गाड़ी चला रहे हैं, वहीं कुछ लोग तो हाफ स्लीव की शर्ट तक नहीं पहन रहे हैं. जिसके बाद खुद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक लिस्ट जारी कर बताया कि इन चीजों पर चालान नहीं होता है.
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