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MP: जिंदगी की जंग हारी सृष्टि,300 फीट गहरे बोरवेल से रोबोट टीम ने निकाला था बाहर

MP Borewell Rescue: दिल्ली और राजस्थान से पहुंची है विशेषज्ञों की टीम

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सीहोर जिले के मुंगावली गांव में 6 जून को खेलते समय बोरवेल में गिरी ढाई साल की बच्ची सृष्टि की मौत हो गई. बच्ची को बोरवेल में गिरे हुए 48 घंटों से ज्यादा गुजर जाने के बाद रोबोटिक रेस्क्यू के जरिए बाहर निकाला गया था. बुधवार को एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ के प्रयास विफल होने के बाद बैरागढ़ ईएमई सेंटर से आर्मी को बुलाया गया था.

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आर्मी जवान 300 फीट गहरे बोरवेल में 100 फीट की दूरी पर फंसी सृष्टि को रॉड हुक की मदद से 10 फीट ऊपर ले आए थे, लेकिन बच्ची फिसललकर करीब 150 फीट नीचे पहुंच गई. इसके बाद आर्मी की सलाह पर रोबोट के साथ विशेषज्ञों की टीम मौके पर बुलाई गई. दिल्ली की रोबोटिक रेस्क्यू टीम ने गुरुवार सुबह 9 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. राजस्थान के जोधपुर से भी एक रेस्क्यू टीम बुलाई गई थी.

100 फीट से 10 फीट तक निकाल लिया था

जानकारी के मुताबिक बोरवेल में ही सेना के जवानों ने रॉड डालकर गिरी बच्ची को निकालने की कोशिश की, लेकिन एक बार बच्ची को रॉड के सहारे ऊपर बचे 10 फिट तक निकाल लिया था, लेकिन अचानक उसका कपड़ा फट जाने से वह फिर नीचे चली गई थी.

घटना पर क्या बोले नेता?

इस घटना पर मध्य प्रदेश के सीएम ने कहा- "सीहोर जिला ग्राम मुंगावली की बेटी सृष्टि कल बोरवेल में गिर गई थी. रेस्क्यू टीम बच्ची को सुरक्षित बचाने हेतु प्रयासरत है. हमारी कोशिश है कि बच्ची को सुरक्षित निकाला जाए और भगवान से प्रार्थना है कि हम सफल हों".

भोपाल लोकसभा क्षेत्र की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर कल देर शाम घटना स्थल पर पहुंची. रेस्क्यू टीम और अधिकारियों से चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए बयान दिया की यही प्रार्थना है कि बच्ची स्वास्थ्य बाहर निकल सके.

चट्टानों के कारण रेस्क्यू में दिक्कत

एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, सीहोर के जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि दिल्ली से 3 सदस्यीय टीम सीहोर पहुंची है. दिल्ली की इस टीम ने हाल ही में जामनगर में एक ऐसे ही मामले में रेस्वक्यू चलाया था, जिसमें इन्हें सफलता मिली थी. बोरवेल के पैरेलल में अब तक 35 फीट खुदाई हो पाई है, लेकिन चट्टानों की वजह से खुदाई में दिक्क्त आ रही है.

बता दें, प्रशासनिक अमला मौके पर तैनात है, बच्ची को सुरक्षित निकालने के लिए जेसीबी और पोकलेन मशीन की मदद से समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है. वहीं बच्ची की हरकत पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे की मदद ली जा रही है और ऑक्सीजन की आपूर्ति भी की जा रही है.

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