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MP Lynching:चश्मदीद का दावा-पुलिस की मौजूदगी में आदिवासी को पीटा, बजरंग दल से थे

आदिवासी धनशा इनवाती और संपत लाल बट्टी को गोहत्या के शक में 2 मई को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था.

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मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के सिमरिया गांव में दो आदिवासियों की गोहत्या के शक में पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप बजरंग दल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर लगा था. इस घटना के बाद क्विंट पीड़ित परिवारों तक पहुंचा और ये जानने की कोशिश की कि आखिर उस रात क्या हुआ था और हमलावर कौन थे?

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बता दें, उस रात तीन लोगों को गोहत्या के शक में पीटा गया था. धनशा इनवाती, संपत लाल बट्टी और ब्रजेश बट्टी. इनमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि ब्रजेश बट्टी की बच गए थे. ब्रजेश बट्टी ने ही पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. ब्रजेश बट्टी ने ही पुलिस को बताया था कि भीड़ ने सागर निवासी संपत बट्टी और सिमरिया निवासी धनसा पर लाठी-डंडों से हमला किया था, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई थी.

आदिवासी धनशा इनवाती और संपत लाल बट्टी को गोहत्या के शक में 2 मई को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था.

ब्रजेश बट्टी

फोटोः विष्णुकांत तिवारी

पुलिस की मौजूदगी में एक आदिवासी को पीटा गयाः ब्रजेश बट्टी

ब्रजेश बट्टी बताते हैं कि मैं अपने परिवार के साथ सो रहा था. करीब 2 बजे रात को बाहर से आवाज आने लगी तो मैं उतनी रात को उठा. उठने के बाद मैं अपने दरवाजे के बाहर खड़ा था, उतने देर में बजरंग दल वाले घर के अंदर घुस गए और मुझे पकड़कर मारते मारते बाहर लेकर चले गए. उन दो लोगों को भी बहुत मारे.

उसके बाद मुझे ये लोग गाड़ी पर बैठाकर ले जा रहे थे. इतने देर में गांव के दो चार लोग बोले कि आप इनको ऐसे नहीं ले जा सकते मारते-मारते. अगर रास्ते में कोई घटना हुई तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. इस दौरान ब्रजेश ने बताया कि पुलिस की मौजूदगी में भी एक आदिवासी को पीटा गया.

वहीं, पुलिस और सरकार का कहना है कि आरोपी बजरंग दल के हैं या नहीं, ये अभी जांच का विषय है. लेकिन, हमले में जिंदा बचे ब्रजेश बट्टी का साफ कहना है कि हमलावर बजरंग दल के थे.
आदिवासी धनशा इनवाती और संपत लाल बट्टी को गोहत्या के शक में 2 मई को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था.

उधर, श्रीराम सेना के प्रांतीय अध्यक्ष शुभम सिंह ने वीडियो जारी कर कहा है कि आदिवासियों को पकड़ने वाले उनके ही संगठन के थे.

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि पीड़ित परिवार के परिजनों को मुआवजा और नौकरी दी गई है. लेकिन, मृतक आदिवासियों के परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई है.

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आदिवासी धनशा इनवाती और संपत लाल बट्टी को गोहत्या के शक में 2 मई को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था.

फूलवती इनवाती

फोटोः विष्णुकांत तिवारी

हमें इंसाफ चाहिएः मृतक धनशा इनवाती की पत्नी

मृतक धनशा इनवाती की पत्नी फूलवती इनवाती ने कहा कि मेरे पति को लेकर गए. उनके लिए अदालत थी, थाना था ऐसे मारने का आदेश है क्या? वो कहती हैं कि हम लोग बैठे थे तभी कुछ लोग आए और उन्हें मारने लगे. जब मैं बचाने गई तो मुझे में मारा तो मैं गिर गई. फिर उनके साथ क्या किया मुझे पता नहीं. बाद में खबर आई है कि तुम्हारे पति की मौत हो गई है. वो कहती हैं कि हमको न्याय चाहिए, उन्हें फांसी पर चढ़ा दो और उनके मकान बुलडोजर से गिरा दो.

आदिवासी धनशा इनवाती और संपत लाल बट्टी को गोहत्या के शक में 2 मई को पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था.

मट्ठो बाई बट्टी

फोटोः विष्णुकांत तिवारी

मृतक संपत लाल बट्टी की पत्नी मट्ठो बाई बट्टी ने क्विंट से कहा कि हमें पैसा नहीं इंसाफ चाहिए. आज हमारे साथ हुआ फिर कल किसी और के साथ होगा.

मट्ठो बाई बताती हैं कि 6-7 बजे के करीब वो निकलकर कहीं बाहर गए, तो हमें लगा की कहीं गए होंगे किसी कार्यक्रम में. लेकिन, 3 मई को हमें फोन आया कि इस नाम के व्यक्ति की मौत हो गई है. उसके तुरंत बाद हम अस्पताल पहुंच गए तो देखा की वहां बॉडी पड़ी थी.

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