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MP के मंत्री क्यों बोले 'मुझे जूते मारिए'?: Dekha Undekha Hindustan

Dekha-undekha hindustan: इस हफ्ते की देखी-अनदेखी खबरें

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भारत
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14 नवंबर को मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह किला गेट चौराहे पर पहुंचे थे. जहां अतिक्रमण हटाओ मुहिम चल रही थी. अतिक्रमण हटाओ मुहिम के तहत पुलिस वालों ने तकरीबन 20 दुकानों और मकानों को तोड़ने की कार्रवाई की थी. इसको लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा था. मंत्री जी के पहुंचते ही लोग अपना गुस्सा दिखाने लगे. जनता की नाराजगी देखकर साहब बोले कि आप को अगर लगता है कि मैं निकम्मा हूं तो मैं क्षत्रीय बालक हूं, मैं रिजाइन कर के कुर्सी से बाहर चला जाऊंगा लेकिन आप चाहें तो लाठी मारिए, जूता फेंकिए या फिर जूते से मारिए. मैं वही काम करूंगा, जो आने वाली पीढ़ी के लिए सही हो.

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वैसे हाल ही में तेलंगाना की एक रैली में पीएम मोदी ने कहा था- मैं रोज दो किलो, ढाई किलो, तीन किलो गाली खाता हूं. परमात्मा ने मेरे भीतर ऐसी रचना कर दी है कि ये सारी गालियां मेरे अंदर प्रोसेस होकर न्यूट्रीशन में कंवर्ट हो जाती है. इससे सकारात्मक ऊर्जा बन जाती है जो कि जनता की सेवा में काम आती है.

देश की राजनीति का थोड़ा बहुत अंदाज़ा तो आपको लग ही गया होगा अब आपको स्वास्थ्य व्यवस्था से रूबरू करवा देते हैं. कानपुर देहात के सरकारी अस्पताल में खुद CMS डॉ. आरपी गुप्ता रात करीब 9 बजे इंतजाम देखने के लिए ट्रामा सेंटर भवन में बने वार्ड का निरीक्षण करने पहुंचे थे, यहां भर्ती बुखार पीड़ित बच्ची के परिजन ने डॉक्टर से पांच दिन से बेड का चादर न बदले जाने की शिकायत की. इस पर CMS भड़क गए, साहब ने कहा कि यह नर्सिंगहोम नहीं है जहां रोज चादर बदले जाएं.एक मरीज को एक ही चादर मिलेगी.बाक़ी कुछ रोज़ पहले हिमाचल में AIIMS का उद्घाटन कर दिया गया है.

स्वास्थ्य की बात हमने कर ली अब UP की कानून व्यवस्था की बात भी कर लेते हैं. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बदमाशों ने दारोगा को गोली मारते हुए उनकी पिस्टल लूट ली. वाराणसी के रोहनिया क्षेत्र में तीन बाइक सवारों ने इस घटना को अंजाम दिया है. दारोगा अजय यादव को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं कानपुर की आजाद नगर पुलिस चौकी में ही चोरी हो गई, पुलिसवाले सो रहे थे. चोर आए और पिस्टल कारतूस वर्दी ही चुरा ले गए पुलिस वाले सोते रहे.

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कानून व्यवस्था से सड़क पर चलते हैं मगर सड़क पर सफ़र दूभर है, UP के पीलीभीत में 3 करोड़ 80 लाख में सड़क बनी, वो भी प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत, लोग खुश हुए, कोई न कोई फीता भी काट ही गया होगा, मगर एक सज्जन ने गाड़ी चलाते हुए सड़क पर ब्रेक लगा दी और सड़क उखड़ गई. फिर क्या था, जनता जाग गई, जनता जागी तो हाथों से ही सड़क उखाड़ने लगी. अब मामले की जांच हो रही है.  प्रदेश में ये हाल तब है जब गड्ढा मुक्ति अभियान चल रहा है. सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 15 नवंबर तक प्रदेश में सड़कों को गड्ढामुक्त करने का निर्देश दिया था, निर्धारित समयसीमा में सड़कों के गड्ढे भर पाने का काम पूरा न होने पर इसकी अवधि को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है. ये न सोचिएगा कि ये डेडलाइन पहली बार बदली गई है. योगी आदित्यनाथ ने चुनावी ऐलान किया था कि 15 जून 2017 तक प्रदेश की सारी सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएंगी.

एक और खबर, यूपी सरकार ने अब 25 की बजाय 75 फीसदी बसें प्राइवेट ऑपरेटर्स से लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.मतलब अब यूपी में 25 फीसदी ही सरकारी बसें चलेंगी. यानी यहां भी निजीकरण.

सुप्रीम कोर्ट ने  केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायपालिकाओं में न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए अनुशंसित नामों को लंबित नहीं रखा जा सकता है. कोर्ट ने इसे "अस्वीकार्य" बताया. नामों को होल्ड पर रखने का तरीका एक उपकरण बनता जा रहा है, ताकि इन व्यक्तियों को अपना नाम वापस लेने के लिए मजबूर किया जा सके, जैसा कि हुआ है.नामों को देर तक लंबित रखने के चलते कई अच्छे लोग अपना नाम ही वापस ले लेते हैं". कोर्ट ने कहा-'68 जजों के नाम लंबित पड़े हैं,जजों की नियुक्तियों में देरी हो रही है.'

नियुक्ति से जय शाह की याद आ गई, ICC बोर्ड बैठक में  बीसीसीआई सचिव जय शाह को आईसीसी की ताकतवार वित्त एवं वाणिज्यिक मामलों की समिति का प्रमुख चुना गया है.

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