मध्य प्रदेश में 2013 पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाला (व्यापम) में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सभी 31 दोषियों को सजा का ऐलान कर दिया है. कोर्ट ने 31 में 30 को सात साल और एक को 10 साल जेल की सजा सुनाई है.
स्पेशल कोर्ट ने 21 नवंबर को 31 लोगों को दोषी करार दिया था. दोषी ठहराए गए आरोपियों में से ज्यादातर भिंड, मुरैना और कानपुर के रहने वाले हैं.
व्यापम क्या है?
व्यापम, दरअसल व्या= व्यावसायिक प= परीक्षा म= मंडल से मिलकर बना है, जिसे मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड भी कहा जाता है. ये बोर्ड मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी और कॉलेजों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा कंडक्ट करवाता था.
- साल 1971 में मध्य प्रदेश में मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्री-मेडिकल टेस्ट बोर्ड बनाया गया था.
- साल 1982 में इसमें इंजीनियरिंग परीक्षाओं को भी शामिल किया गया और नाम दिया गया प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड.
- साल 2007 में मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड एक्ट पास हुआ और इसे व्यापम का नाम मिला.
ऐसे में राज्य में इंजीनियरिंग कालेज, मेडिकल कॉलेज में दाखिले से लेकर कई विभाग की भर्तियों की परीक्षा व्यापम आयोजित कराता रहा है.
इससे जुड़ा 'कांड' क्या है?
इन परीक्षाओं में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की खबरें पहली भी आई थी. लेकिन गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद जुलाई 2013 में 20 लोगों की गिरफ्तारी के साथ पुलिस में पहली बार FIR दर्ज की गई. इसी मामले में साल 2013 में ही प्री मेडिकल टेस्ट में पास हुए 345 उम्मीदवारों के रिजल्ट रद्द कर दिए गए.
कैसे होता था फर्जीवाड़ा?
सुप्रीम कोर्ट का दखल
शुरुआत में पक्ष-विपक्ष दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए. सीएम चौहान ने यहां तक कहा कि उनपर आरोप सिद्ध हुए तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाए थे.
ऐसे में साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए SIT का गठन किया था. जांच पर कांग्रेस और दूसरे दलों ने लगातार आरोप लगाए थे कहा गया कि SIT सीएम चौहान को बचाने की कोशिश कर रही है. हालांकि, इस दौरान 2 हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई.
इस कांड में हुई कथित मौतें
व्यापम घोटाले को अबतक के सबसे खतरनाक घोटाले का दर्जा भी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दिया जा चुका है. 2013 में मामले के सामने आने के बाद से इससे जुड़े 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ लोगों की मौत खुदकुशी से हुई थी, तो कुछ लोगों अचानक बीमार पड़ गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी. इन मौतों पर भी सवाल उठते रहे हैं. जिसका जवाब आजतक साफ-साफ नहीं मिल सका है.
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