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'मेरे बच्चे ने कुछ भी गलत नहीं किया', MP में क्वीर आर्टिस्ट की सुसाइड से मौत पर बोलीं मां

16 वर्षीय क्वीर (Queer) मेकअप आर्टिस्ट प्रांशु की मंगलवार, 21 नवंबर को सुसाइड से मौत हो गई थी.

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भारत
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(चेतावनी: आर्टिकल में आत्महत्या का जिक्र है. अगर आपके मन में आत्महत्या का खयाल आता है या आप किसी को जानते हैं, जो संकट में है, तो कृपया उनसे संपर्क करें और इन हेल्पलाइन और मेंटल हेल्थ एनजीओ के नंबरों पर कॉल करें.)

“इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है कि एक 16 वर्षीय बच्चे को कुछ ऐसा करने के लिए ऑनलाइन नफरत भरी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा जो न केवल उसे पसंद था, बल्कि वो उसमें अच्छा भी था? इस नेगेटिविटी पर ध्यान देने और इसे कम करने की जरूरत है,'' यह कहना है 16 वर्षीय क्वीर मेकअप आर्टिस्ट प्रांशु (Queer Makeup Artist Pranshu) की मां प्रीति यादव का. बता दें कि प्रांशु की मंगलवार, 21 नवंबर को सुसाइड से मौत हो गई थी.

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“मेरा बच्चा अत्यंत प्रतिभाशाली था. उसने कुछ भी गलत नहीं किया. मुझे उसपर गर्व है,” वह आगे कहती हैं.

मध्य प्रदेश के उज्जैन का रहने वाला, प्रांशु उज्जैन पब्लिक स्कूल में 10वीं कक्षा का छात्र था. उसने COVID-19 महामारी के दौरान इंस्टाग्राम पर मेकअप से जुड़ा पोस्ट और रील शेयर करना शुरू किया था.

उसने मेकअप का काम खुद से सीखा था- और इंस्टाग्राम पर उनके लगभग 17,000 फॉलोअर्स थे. उनकी मौत के बाद, कई क्वीर हैंडलों ने आरोप लगाया कि दिवाली के दौरान पारंपरिक भारतीय पोशाक में उसकी रील वायरल होने के बाद उसे ऑनलाइन ट्रोल और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था. कथित तौर पर 4,000 से अधिक कमेंट किए गए- उनमें से ज्यादातर होमोफोबिक थे.

कई LGBTQIA+ अधिकार समूहों ने दावा किया है कि प्रांशु क्वीर था. हालांकि क्विंट उसकी लैंगिक पहचान की पुष्टि नहीं कर सका.

मीडिया से बात करते हुए, स्थानीय पुलिस ने पुष्टि की कि प्रांशु घर पर अकेले था जब मंगलवार दोपहर को उसने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने आगे कहा कि उन्होंने जांच के लिए प्रांशु का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है- और प्रांशु के सोशल मीडिया हैंडल और व्हाट्सएप की जांच की जा रही है.

नागझिरी पुलिस थाना प्रभारी कमल सिंह गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, "पुलिस ने उनके पिता राजेंद्र यादव और परिवार के अन्य सदस्यों और पड़ोसियों के बयान ले लिए हैं."

'बड़ा होकर प्रांशु जेम्स चार्ल्स जैसा बनना चाहता था'

मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (MR) के रूप में काम करने वाली 44 वर्षीय प्रीति ने द क्विंट को बताया कि पिछले साल, जब प्रांशु 9वीं कक्षा में था, तब उसने अपने विचार शेयर किए थे और बताया था कि वह बड़ा होकर क्या बनना चाहता है.

“आमतौर पर, यह कक्षा 9 में होता है जब बच्चे अपने माता-पिता से कहते हैं कि वे इंजीनियर, आर्किटेक्ट आदि बनना चाहते हैं. लेकिन प्रांशु ने आकर मुझसे कहा कि वो एक मेकअप आर्टिस्ट बनना चाहता है. पहले तो मुझे थोड़ा आश्चर्य हुआ, लेकिन जब मैंने उनके काम को देखा तो आश्चर्यचकित रह गई. उस दिन मैंने उससे उसके सपने को पूरा करने के लिए कहा.”
प्रीति यादव

महामारी के बाद से, प्रांशु ऑनलाइन क्लासेज के लिए अपने दादा के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था, और अपने खाली समय में वीडियो बनाता था. प्रांशु की मां कहती हैं कि वो पढ़ाई में अच्छा था, स्कूल में उसके टीचर उससे बहुत प्यार करते थे और वो हमेशा लड़कियों और महिलाओं का सम्मान करता था.

प्रांशु के माता-पिता का तीन साल पहले ही तलाक हो चुका था. वो अपनी मां प्रीति के साथ उज्जैन में रहता था.

प्रीति आगे कहती हैं कि प्रांशु ने अमेरिकी यूट्यूबर और मेकअप आर्टिस्ट जेम्स चार्ल्स से प्रेरणा ली- और "बिल्कुल उनके जैसा बनना चाहता था."

वह कहती हैं कि प्रांशु ब्रांड प्रमोशन के लिए कोलैबोरेशन करता था और उसने मेकअप से संबंधित किसी भी खर्च का "बोझ उनपर कभी नहीं डाला".

कथित वायरल रील के बारे में पूछे जाने पर, प्रीति कहती हैं,

“प्रांशु एक मेकअप आर्टिस्ट था. उसने दिवाली पर एक पारंपरिक भारतीय ड्रेस पहना था. वो पूरी तरह ढका हुआ था. आखिर इसमें क्या गलत हो सकता है?”

वह आगे कहती हैं कि अपने इकलौते बच्चे को खोने के गम के साथ ही उन्हें इस बात पर गर्व है कि प्रांशु कुछ बनना चाहता था और वो अपनी प्रतिभा को निखारने में जुटा था.

“हर बच्चा स्पेशल है, और मैंने अपने बच्चे को वैसे ही स्वीकार किया जैसा वो था. मैं हमेशा उसके साथ खड़ी रहती. काश, उसने मुझे वह मौका दिया होता,” प्रीती शोक जताते हुए कहती हैं कि अब वह “अकेला” महसूस कर रही हैं.

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