Russia Attack Ukraine: यूक्रेन पर रूस के हिंसक हमले की आती खबरों के बीच वहां फंसे भारतीय नागरिकों के परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है. हमले के कारण हवाई मार्ग से वतन लौटने में असफल इन भारतीयों में से अधिकतर पढ़ाई करने गए स्टूडेंट हैं. इनमें 46 स्टूडेंट मध्यप्रदेश के भी हैं.
मध्यप्रदेश CM हेल्पलाइन पर मिली सूचना के अनुसार इन 46 छात्रों में से भोपाल के 9, इंदौर के 3, धार 4, उज्जैन 4, देवास 4, रायसेन 3, सीहोर 2, बड़वानी 2, तथा जबलपुर, छिन्दवाड़ा, मुरेना, नर्मदापुरम. डिंडोरि, ग्वालियर, टीकमगढ़, छतरपुर, खरगोन, झाबुआ, बड़वानी, सागर, बालाघाट, रतलाम, बुरहानपुर प्रत्येक से 1-1 हैं.
“हम भारत में होते तो इस स्थिति में नहीं फंसे होते”
भोपाल के आभास और उनके बरेली के साथी सत्यम ने वीडियो रिकॉर्ड कर बताया कि हवाई हमलों से बचने के लिए प्रशासन ने सबको बंकर में रहने की सलाह दी है. अपने दोस्त के साथ उन्होंने भारत सरकार से जल्द-से-जल्द भारत तक सुरक्षित लाने को कहा है.
“आज अगर हम भारत में होते तो इस स्थिति में नहीं फंसे होते. हमें एक एयरलाइन की फ्लाइट में नहीं बैठने दिया गया.”
दोनों ने बताया कि वैक्सीन सर्टिफिकेट और तकनीकी ग्लिच के कारण वो मुंबई तक उस फ्लाइट से नहीं आ सके. उन्होंने एयरलाइन की कर्मचारी और खुद एयरलाइन को इसके लिए दोष दिया है.
“कब क्या हो जाए पता नहीं”
युक्रेन के ओडेसा में मध्यप्रदेश के गंजबासौदा की रहने वाली सृष्टि सोनी भी अन्य 7 स्टूडेंट्स के साथ फंसी हैं. सृष्टि सोनी ने भी वीडियो रिकॉर्ड कर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. सृष्टि ने कहा कि “यूक्रेन की हालत दिन-पर-दिन खराब होते जा रही है. भारत सरकार से अपील है कि यहां फंसे भारतीयों को जल्द-से-जल्द बाहर निकाला जाए. हमारे पेरेंट्स और सारे स्टूडेंट बहुत घबरा रहे हैं.”
“यहां की स्थिति बहुत अस्थिर है. कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं. कभी नहीं सोचा था ऐसा कुछ होगा. हमें बम ब्लास्ट और सायरन की आवाजें सुनाई दे रही हैं और पेरेंट्स बहुत ज्यादा परेशान हैं. मैं सभी को बताना चाहती हूं कि आपके सभी बच्चे यहां सुरक्षित हैं.”
मध्यप्रदेश की MBBS की छात्रा शचि शर्मा ने भी भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. शचि शर्मा ने कई और भारतीय स्टूडेंट्स के साथ सुरक्षा के लिए मेट्रो टनल में शरण ले रखी है.
ऐसे में कई खुशकिस्मत भी हैं जिन्हें समय पर फ्लाइट मिल गयी और वो सकुशल भारत लौट आये हैं. लेकिन वो साथ ही यूक्रेन में अपने कई दोस्त को छोड़ आये हैं जिन्होंने उनके मध्यान से भारत सरकार से मदद मांगी है.
ओडेसा में फंसे इंदौर राजवाड़े के पास का रहने वाले मुहम्मद मेहरान मंसूरी ने छतरपुर के आसिफ के जरिये मदद की गुहार लगाई है. आसिफ यूक्रेन से छतरपुर वापस लौटा आया है और मुहम्मद मेहरान मंसूरी ने मदद की मांग वाले वीडियो आसिफ को भेजे हैं.
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