हैदराबाद की निजामशाही के 8वें निजाम मुकर्रम जाह बहादुर का 14 जनवरी को इंस्ताबुल में निधन हो गया. मुकर्रम जाह 89 वर्ष के थे. मुकर्रम जाह बहादुर तत्कालीन हैदराबाद रियासत के 8वें निजाम थे.
1948 में हैदराबाद राज्य को भारतीय संघ में मिला लिया गया था. जिसके बाद निजाम की भूमिका नाम मात्र की रह गई. मुकर्रम जाह को 1967 में यह उपाधि मीर उस्मान अली खान से विरासत में मिली थी. हैदराबाद के आखिरी निजाम शासक मुकर्रम जाह का जन्म फ्रांस में हुआ था. उनके पिता राजकुमार आजम जाह और मां ओटोमन साम्राज्य की राजकुमारी दुर्रूशेहवर थीं. उन्हें विरासत में कई महल मिले.
मुकर्रम जाह बहादुर का निधन इस्तांबुल में हुआ, लेकिन उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए हैदराबाद लाया गया. उनके अवशेष चौमहल्ला पैलेस में रखे गए, ताकि जनता 18 जनवरी 2023 को उन्हें अंतिम विदाई दी जा सके. उन्हें मक्का मस्जिद हैदराबाद में दफनाया गया.
18 जनवरी 2023 को अपने पूर्वजों के साथ मुकर्रम जाह की शादी एक तुर्की महिला एसरा बिर्गिन से हुई थी. दंपति का बेटा अजमेत जाह अब मुकर्रम जाह की विरासत को संभालेगा, लेकिन निजाम का शीर्षक नहीं इस्तमाल करेगा.
मुकर्रम जाह को विरासत में 236 बिलियन अमरीकी डॉलर की दौलत मिली थी. 1980 के दशक तक वो दुनिया के सबसे अमीर आदमी थे. लेकिन एक दौर में उन्होंने बहुत कुछ खो दिया. उनकी मृत्यु के समय उनके पास 1 बिलियन अमरीकी डॉलर थे.
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