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साइकिल छोड़ हाथी पर सवार हुआ बाहुबली मुख्तार अंसारी का परिवार

मुख्‍तार अंसारी को उनकी मनपसंद सीट मऊ सदर से टिकट दिया गया है. 

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उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और पूर्वांचल क्षेत्र की राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले मुख्तार अंसारी गुरुवार को बीएसपी में शामिल हो गए. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्तार अंसारी और उनके बड़े भाई और बेटे को पार्टी में शामिल किए जाने का ऐलान किया.

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समाजवादी पार्टी ने ठुकराया तो मायावती ने अपनाया

मुख्तार अंसारी फिलहाल आगरा जेल में बंद हैं. मायावती ने जब मुख्तार अंसारी और उनके परिवार को पार्टी में शामिल करने का ऐलान किया तब उनके भाई अफजाल मायावती के साथ मौजूद थे.

मायावती ने मुख्तार अंसारी परिवार के तीन सदस्‍यों को पार्टी ज्वाइन करते ही विधानसभा टिकट भी दे दिया.

मुख्‍तार अंसारी को उनकी मनपसंद सीट मऊ सदर से टिकट दिया गया है. वहीं भाई सिब्गतुल्‍लाह अंसारी को मोहम्‍मदाबाद से टिकट मिला है. मुख्‍तार के बेटे अब्‍बास को घोसी विधान सभा सीट से टिकट दिया गया है.

मुख्तार अंसारी को मनगढ़ंत और झूठे मामलों में फंसाया गया

अंसारी परिवार के बीएसपी में जुड़ने के ऐलान के साथ ही मायावती ने कहा,

मेरी सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आपराधिक तत्वों पर हमेशा से सख्त रही है... हालांकि उसके साथ मैं यह भी सुनिश्चित करती हूं कि किसी को झूठे मामलों में नहीं फंसाया जाए. मुख्तार अंसारी का परिवार ऐसा ही उदाहरण है, जिसे मनगढ़ंत और झूठे मामलों में फंसाया गया

अखिलेश यादव मानसिक तौर पर मुस्लिम विरोधी

बीएसपी में शामिल होने के बाद मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हमें धोखा दिया है. मुलायम सिंह खुद कहते हैं कि अखिलेश यादव मानसिक तौर पर मुस्लिम विरोधी हैं. पूरे परिवार ने हमें कई बार समाजवादी पार्टी में शामिल कराया, लेकिन अखिलेश विरोध करते रहे.

मुलायम के थे करीबी लेकिन अखिलेश थे विरोध में

मुख्तार अंसारी परिवार ने कुछ दिन पहले कौमी एकता दल नाम की एक पार्टी का गठन किया था. और साथ ही समाजवादी पार्टी से भी इस पार्टी का विलय हुआ था. विलय के वक्त अखिलेश यादव ने इसका विरोध भी किया था.

इसे नजरअंदाज करते हुए मुलायम सिंह और शिवपाल यादव ने मुख्तार अंसारी के भाई को टिकट दिया था. लेकिन अखिलेश यादव का खेमा मुख्‍तार अंसारी की आपराधिक छवि के चलते उनको टिकट देने के खिलाफ था.

मुलायम-अखिलेश के बीच झगड़े की एक वजह मुख्तार अंसारी को भी माना जा रहा था. लेकिन जब अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बने और टिकट बंटवारे में अंसारी बंधुओं की जगह दूसरे लोगों को इन सीटों से टिकट दिया तब यह स्‍पष्‍ट हो गया था कि समाजवादी पार्टी में अंसारी परिवार के लिए कोई जगह नहीं है.

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