ADVERTISEMENTREMOVE AD

Mulayam Singh Yadav: पंचतत्व में विलीन हुए एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव

Mulayam Singh Yadav Cremated: राजकीय सम्मान के साथ मुलायम सिंह यादव को दी गई अंतिम विदाई.

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलीन हो गए. मुलायम सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. मुलायम सिंह के अंतिम दर्शन करने कई राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचे थे. इसके अलावा एसपी राज्यसभा सांसद जया बच्चन अपने पुत्र अभिषेक बच्चन के साथ मुलायम सिंह का अंतिम दर्शन करने पहुंची थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव और प्रतीक यादव ने मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर को कंधा दिया. इससे पहले अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ अंतिम संस्कार से पहले की विधियां की थी.

भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने भी मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान वह अखिलेश यादव से गले मिलकर रोने लगे. अनिल अंबानी भी मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इसके अलावा शरद पवार भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे.

मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन करने के लिए सैफई के मेला ग्राउंड में रखा गया था. नेता जी के अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ा पड़ा था. अंतिम यात्रा में नेताजी अमर रहे के नारे भी गूंजे. 

मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर

मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफर की बात करें तो वो पहली बार 1967 में विधायक बने थे. इसके बाद 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993, 1996 और 2003 में विधायक चुने गए.1982 से 1985 तक एमएलसी रहे. उस वक्त नेता विपक्ष की भी भूमिका निभाई. इसके बाद 1985 से 1987 तक विधानसभा में नेता विपक्ष रहे. मुलायम सिंह यादव ने सोशलिस्ट पार्टी से सियासी सफर शुरू किया. मगर, इसके बाद लोकदल और जनता दल में भी रहे थे. उन्होंने 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया.

इसके अलावा मुलायम सिंह ने पहली बार 5 दिसम्बर 1988 को यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वह 24 जून 1991 तक सीएम रहे थे. इसके बाद 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1995 और अंतिम बार 29 अगस्त 2003 से 13 मई 2007 तक सीएम रहे थे. 2012 में एसपी की सरकार बनीं, लेकिन उन्होंने पुत्र अखिलेश यादव को सियासी विरासत सौंप दी. उनको सीएम बनाया. मुलायम सिंह केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी रहे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×