महाराष्ट्र देश का सबसे ज्यादा कोविड प्रभावित राज्य बना हुआ है. प्रदेश की राजधानी मुंबई में भी कोरोना के मामलों में तेजी आ रही है. मौजूदा समय में मुंबई में करीब 87,000 सक्रिय मामले हैं. लेकिन पिछले वेव के मुकाबले इस बार 90 फीसदी केस मुंबई की ऊंची-ऊंची इमारतों से आ रहे हैं और सिर्फ 10 फीसदी स्लम्स से.
BMC के मुताबिक, मुंबई की इमारतों से ही बड़ी संख्या में कोविड केस सामने आ रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, BMC का डेटा बताता है कि मुंबई की सोसाइटीज और इमारतों में 79,032 सक्रिय केस थे. वहीं स्लम्स में सिर्फ 8,411 सक्रिय केस थे. ये डेटा BMC ने 16 अप्रैल तक का बताया था.
पहली वेव में स्लम्स सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए थे. जून 2020 में मुंबई के कुल कोविड मामलों के दो-तिहाई स्लम्स और चॉल से आ रहे थे. इन जगहों में पॉपुलेशन डेंसिटी ज्यादा है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर कहती है कि उस समय स्लम्स में रह रहे 42 लाख लोग कंटेनमेंट जोन में थे, जबकि इमारतों में रहने वाले सिर्फ 8 लाख लोग कंटेनमेंट जोन में थे.
BMC ने बदली SOP
कोविड की दूसरी वेव में ऊंची इमारतों से ज्यादा केस आने के बाद BMC ने अपनी SOP बदल दी है. 5 अप्रैल को म्युनिसिपल कमिश्नर आईएस चाहल ने नई SOP जारी करते हुए ऐसी हाउसिंग सोसाइटीज को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया, जहां पांच से ज्यादा सक्रिय कोरोना केस थे.
इन सोसाइटीज के पदाधिकारियों को कोविड गाइडलाइन का पालन कराने का काम दिया गया था.
BMC का डेटा दिखता है कि के-वेस्ट वॉर्ड (अंधेरी-जोगेश्वरी) में सबसे ज्यादा 273 सील की गई इमारतें या माइक्रो-कंटेनमेंट जोन हैं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस समय मुंबई में 1169 इमारतें सील हैं और 10,797 फ्लोर भी सील किए गए हैं. इन इमारतों और फ्लोर्स पर 20 लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं.
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