बारिश से बेहाल है मुंबई और BMC की तैयारियां धरी की धरी रह गई है. अब 2 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा में पेश हुई कैग रिपोर्ट में भी BMC के आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों को नाकाफी बताया गया है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुंबई के गटर से हर घंटे सिर्फ 25 मिमी हुई बारिश के पानी के निकलने की क्षमता है. ये गटर भी कचरे से भरे हुए हैं.
कैग ने कहा- 'लापरवाही है'
मुंबई में बारिश से जो अव्यवस्था फैली हुई है, उसे कैग की रिपोर्ट ने BMC की लापरवाही का अंजाम भी बताया है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हर साल बारिश के समय मुंबई में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होती है. इससे निपटने के लिए BMC तैयार नहीं है, जिससे मुंबईकरों को अलग-अलग तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
कैग रिपोर्ट की कुछ खास बातें-
- मुंबई में बनाए गए गटर सपाट
- गटरों में कचरा भरा
- ड्रैनेज सिस्टम समुद्र में काफी नीचे
- 45 ड्रैनेज में से केवल 3 जगहों पर बाढ़ का पानी बाहर निकलने के रास्ते
- प्रति घंटे सिर्फ 25 मिमी पानी निकलने की गटर की क्षमता
- बड़े नालों में केबल्स, पाइपलाइन की बाधा
- नालों की मरम्मत पर ध्यान नहीं
- छोटे नाले गलत जगह और निष्प्रभावी
- नाले बनाते समय दूरदर्शिता का अभाव
भूस्खलन जैसा हादसा रोकने का भी उपाय नहीं
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुंबई में 2015 से 2017 के बीच 33 भूस्खलन की घटना घटी. जिसमें 12 लोग जख्मी हुए. बार-बार भूस्खलन की घटना के बावजूद मुंबई BMC ने इसे रोकने के कोई उपाय नहीं किए. जियोग्राफिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने मुंबई में भूस्खलन रोकने के लिए एक रिपोर्ट मुंबई BMC को दी थी ,लेकिन उसे भी अधिकारियों ने दरकिनार कर दिया.
बारिश से बेहाल है मुंबई
बता दें कि मूसलाधार बारिश के कारण 2 जुलाई को भी मुंबई में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा. बारिश के कारण आर्थिक राजधानी मुंबई जलमग्न रही और शहर में दीवार गिरने की एक घटना में 21 लोगों की जान चली गई. अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के दूसरे हिस्सों में पिछले 24 घंटे में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई. रविवार से हो रही भारी बारिश के कारण मुंबई में रेल, वायु और सड़क यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ. कई ट्रेनों और विमानों को रद्द करना पड़ा.
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