देश में लगातार कोरोना के मामले नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. वहीं सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के मुंबई में भी कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. लेकिन अब यहां मौतों को लेकर एक नया डेटा सामने आया है. जिसके मुताबिक, मुंबई के K-East वार्ड जिसमें अंधेरी,जोगेश्वरी और विले पारले जैसे इलाके आते है वहां कोविड-19 से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. जबकि दूसरे नंबर पर G- North वार्ड है जिसमें धारावी, दादर और माहिम जैसे इलाके हैं. BMC ने वार्ड वाइज जो डेटा जारी किया है उसमें ये बात निकलकर सामने आई है.
K-East वार्ड में 565 लोगों की अब तक कोरोना वायरस की वजह से मौत हो चुकी है. इस वार्ड में करीब 10,139 मामले सामने आ चुके हैं. दूसरे नंबर पर है G-North वार्ड यहां अब तक 526 लोगों की मौत हो चुकी है. 9471 लोग संक्रमित हो चुके हैं .जबकि 492 मौत S वार्ड में हुई हैं. बता दें कि कंजुरमार्ग विक्रोलि जैसे इलाके S वार्ड में आते हैं.
सोसाइटी में बढ़ रहा संक्रमण
K-East वार्ड की अगर बात करें तो ये मुंबई की सबसे ज्यादा आबादी वाला वार्ड है. कई इंडस्ट्री, पांच सितारा होटल से लेकर छोटे होटल हों या मुंबई के दो बड़े एयरपोर्ट इसी K ईस्ट वार्ड में आते हैं. जानकारी के मुताबिक K ईस्ट वार्ड की आबादी 15 लाख के करीब है. इस वार्ड के वार्ड ऑफिसर प्रशांत सपकाल ने क्विंट को बताया कि,
स्लम के मुकाबले सोसाइटी में ज्यादा मामले फिलहाल सामने आ रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि लोग अपने कामों से बाहर निकल रहे हैं. इसकी वजह से भी सोसाइटी में संक्रमितो की संख्या बढ़ रही है. दूसरी वजह ये भी है कि दो बड़े एयरपोर्ट इस वार्ड में आते हैं. ऐसे में कई बाहर से आने वाले लोग वार्ड के लोगों के सम्पर्क में आते हैं, जिसकी वजह से भी रेट बढ़ रहा है.
अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी
सुनील यादव K-ईस्ट वार्ड से बीएमसी में पार्षद हैं. उनका कहना है कि संक्रमितों की संख्या स्लम से ज्यादा मौजूदा वक्त में सोसाइटी में बढ़ रही है. जबकि डेथ रेट की अगर बात करें तो वेंटिलेटर की अस्पतालों में बहुत कमी है, इसकी वजह से भी लोगों की मौत हो रही है. अधिकतर 60 साल की उम्र से ज्यादा वाले व्यक्तियों की मौत हो रही है. कोविड केयर सेंटर या हॉस्पिटल में ऑक्सीजन बेड तो हैं लेकिन अगर spo2 लेवल 70 के करिब चला जाता है तो मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत ज्यादा होती है, लेकिन वो नहीं मिल पा रहा है.
मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुंबई में 1413 आईसीयू में से केवल 125 आईसीयू बेड्स खाली हैं. जो मुंबई के लिए चिंता का विषय है. हालांकि BMC हेल्थ कमिश्नर सुरेश काकानी का कहना है कि लोगों को बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है.
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