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मुंबई: जब इलाज के लिए अस्पताल दर अस्पताल भटकता रहा कोरोना पॉजिटिव 

शख्स ने बताया उसने 15 अप्रैल को जांच कराया है और 17 अप्रैल को बताया गया कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं.

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कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे अधिक प्रभाव मुंबई में दिख रहा है. बीएमसी लगातार कोरोना प्रभाव को कम करने के लिए कई तरीके अपना रही है. लेकिन इस बीच एक कोरोना संक्रमित के साथ लापरवाही का मामला सामने आया है. एक शख्स का आरोप है कि वह कोरोना पॉजिटिव है लेकिन उसे कोई सहायता नहीं दी जा रही है. कई अस्पताल में भटकने के बाद उसे ठाकरे अस्पताल लाया गया लेकिन उसे किसी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही. वहीं, अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासन इस पर कोई जवाब नहीं दे रहे हैं.

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दरअसल, अंधेरी पश्चिम में रहने वाले एक शख्स को कुछ दिन पहले बुखार आया था, जिसके बाद उसने अंधेरी बीएमसी में जाकर दवा ली. साथ ही उसे कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा गया, जिसके बाद शख्स ने 15 अप्रैल को अपना कोरोना जांच करवाया और 17 अप्रैल को उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. हालांकि, इसके बाद भी उसका इलाज शुरू नहीं हुआ.

इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ा

कोरोना संक्रमित शख्स ने बताया कि जैसे ही उसे पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है, वह तुरंत इलाज के लिए कूपर अस्पताल पहुंचा. लेकिन उसे वहां से साड़ीवाला अस्पताल भेज दिया गया. फिर, वहां से भी उसे इलाज के लिए नानावटी अस्पताल भेज दिया गया और इस अस्पताल से भी उसे मायूसी झेलनी पड़ी.

इसके बाद शख्स ने बताया कि वह सीधे अंधेरी के-वार्ड पहुंचा. जहां उसने एक सामाजिक कार्यकर्ता को कॉल कर मदद मांगी. तो उस कार्यकर्ता ने के-वार्ड के अधिकारियों से बात कर उसे 108 एंबुलेंस के जरिए बालासाहेब ठाकरे ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. लेकिन उसे वहां भी सही सुविधा नहीं दी गई.

मुझे शाम करीब 7 बजे ठाकरे अस्पताल में लाया गया है लेकिन रात के 12 बज गए हैं उन्हें कुछ नहीं जवाब दिया गया है. यहां तक कि मुझे पानी भी नहीं दिया गया. अगर ऐसा ही होता रहा तो मैं यहां से भाग जाउंगा और इससे जो भी दूसरों को परेशानी होगी उसकी जिम्मेदार सरकार होगी.
कोरोना पीड़ित शख्स

इस घटना को लेकर स्थानीय विधायक अमित साटम ने कहा कि, शख्स को सुबह 5 बजे के करीब बालासाहेब ठाकरे ट्रामा केयर में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि बीएमसी के अधिकारियों से बात करने के बाद उसे एडमिट किया गया. बीएमसी अस्पतालों की शिकायत मिल रही है. मैं बीएससी अस्पताल के आयुक्तों को पत्र लिखकर सूचित करूंगा.

वहीं, इस घटना के बारे में अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासन कुछ नहीं बोल रहे हैं.

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