ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुंबई:किसानों के समर्थन में ‘खून लगे झंडों’ संग आजाद मैदान आए लोग

किसानों को डर है कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग से उनकी जमीनें जा सकती हैं.

Updated
भारत
2 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: कनिष्क दांगी

महाराष्ट्र के दूर-दराज इलाकों से पैदल चलते हुए किसान, आदिवासी, मजदूर राज्य की राजधानी मुंबई पहुंचे हैं. ये लोग अपनी मांग राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने रखेंगे. पिछले कई दिनों से राज्य के करीब 21 जिलों से किसानों, मजदूरों के जत्थे निकले और अब जाकर वो मुंबई पहुंचे हैं.

0

महाराष्ट्र में ये रैली दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलनों को समर्थन देने के लिए निकाली गई है और साथ में ये किसान, मजदूर कुछ अपनी मांगें भी लेकर आए हैं. इस रैली में छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवा और महिला-पुरुषों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं. किसान अपने हाथ में 'खून के धब्बे लगे झंडे' प्रतीकात्मक रूप से लिए हुए हैं.

'खून के धब्बे' वाले झंडे क्यों पकड़े हैं किसान?

प्रदर्शनकारी किसान और AIKS के कार्यकर्ता ने क्विंट से बात करते हुए बताया कि सिडको ने 1970 में नवी मुंबई के 95 गावों की जमीन ली थी उसके खिलाफ में 1984 में जो आंदोलन हुआ था, ये झंडा उसी की निशानी है. उस आंदोलन के नेता पीडब्ल्यूडी नेता और नेता प्रतिपक्ष दीबा पाटील थे. इनको अपनी ही जमीन से निर्वासित कर दिया गया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली के किसानों के समर्थन में प्रदर्शन

प्रदर्शनकारी किसान ने बताया कि 'दिल्ली के किसान अपनी खेती बचाने के लिए सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. हम किसानों की मांगों के साथ-साथ मजदूरों के लिए जो कानून आ रहे हैं, उन कामगारों के हित में भी प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों को कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग का डर

किसानों को डर है कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग से उनकी जमीनें जा सकती हैं. इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर के कृषि सेक्टर में आने की वजह से महंगाई भी बढ़ेगी और जरूरी चीजें महंगी हो जाएंगी. प्रदर्शन में आए लोगों का कहना है कि आम जनता को ही दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×