पिछले साल अक्टूबर महीने में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पावर आउटेज की घटना हुई. इसमें मुंबई के कई सारे इलाकों की बिजली गुल हो गई थी, जिसकी वजह से कई सारे बड़े कॉरपोरेट हाउस, बैंक, स्टॉक मार्केट के कामकाज पर विपरीत असर हुआ था. वहीं कोरोना वायरस संकट के बीच हुए इस इलेक्ट्रिसिटी आउटेज के बाद हॉस्पिटल्स की भी बिजली चली गई थी. अब एक सरकार के साथ साझा की गई एक रिपोर्ट में निकलकर आया है कि इसके तार चीन से जुड़े हो सकते हैं. महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का संज्ञान लिया है. इस रिपोर्ट के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने साइबर पुलिस से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक स्टडी में पता चला है कि जून महीने में लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रहे तनाव के बाद चीन ने साइबर अटैक का रास्ता अपनाया था और पावर सप्लाई करने वाले सिस्टम में मालवेयर सेंधमारी करके गड़बड़ी करने की कोशिश की.
'पावर प्लांट में सेंधमारी करने की चीनी कोशिश'
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा हो सकता है कि चीन से जुड़े हुए थ्रेट एक्टिविटी ग्रुप RedEcho ने भारत के अहम पावर प्लांट में सेंधमारी करने की कोशिश की हो. मुंबई में पावरकट पर हुई स्टडी में निकलकर आया है कि-
'कुछ अतिरिक्त सबूत मिले हैं जिसमें भारत के लोड डिस्पैच सेंटर्स को संगठित रूप से निशाना बनाया गया. भारत की कुछ बेहद संवेदनशील राष्ट्रीय अधोसंरचनाओं पर चीनी हैकर्स ने सिस्टमैटिक तरीके से हमला किया.'
अमेरिकी कंपनी Recorded Future ने मालवेयर पकड़ा
चीन के मालवेयर को यूएस की कंपनी Recorded Future ने पकड़ा. ये कंपनी ऑनलाइन डिजिटल थ्रेट्स पर काम करती है. कंपनी ने पाया कि ज्यादातर मालवेयर पहले कभी एक्टिव नहीं किए गए थे. Recorded Future भारत के पावर सिस्टम्स में नहीं जा सकती इसलिए वो उन कोड से जुड़े हुए डिटेल्स नहीं देख पाए हैं, जिनको देशभर के इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टमट में डाला गया था.
2020 की शुरुआत में Recorded Future ने पाया था कि चीन भारतीय संस्थानों में सेंधमारी के लिए बड़े पैमाने पर कोशिश कर रहा है. Recorded Future की रिपोर्ट के मुताबिक- भारतीय संगठनों को निशाना बनाकर एक पुख्ता तरीके से नेटवर्क ट्रैफिक की प्रोफाइलिंग की जा रही थी. 12 भारतीय पावर ट्रांसमिशन सेक्टर से जुड़े 21 आईपी एड्रेस मिले हैं, जिनको संवेदनशील पाया गया है.
तफ्तीश पर भारतीय अधिकारियों का जवाब
जैसे ही पता चला कि जो कोड मिला है वो चीन से संबंधित हो सकता है, इसके बाद भारतीय अधिकारी शांत हो गए. महाराष्ट्र साइबर इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख यशस्वी यादव ने कहा- 'अथॉरिटी को कुछ 'संदिग्ध गतिविधि' के बारे में जानकारी मिली थी, जिसमें विदेशी हाथ होने के संकेत मिले थे.'
'चीन ने की संकेत देने की कोशिश'
साइबर एक्सपर्ट और भारतीय सेना में रहते हुए पाकिस्तान और चीन सीमा पर काम कर चुके रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा का कहना है कि 'मुझे लगता है कि चीन ने इसके जरिए चीन ने संकेत देने की कोशिश की होगी कि संकट के वक्त हम ऐसा कुछ कर सकते हैं. चीनी ने एक तरह से भारत को चेतावनी देने के लिए ऐसा किया होगा.'
भारत के मिलिट्री एक्सपर्ट्स ने मोदी सरकार से कहा है कि वो पावर सेक्टर और रेलवे से चीनी निर्मित हार्डवेयर को बदलें. डीएस हुडा का कहना है कि- 'मुद्दा ये है कि हम अभी भी विदेशी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से निर्भरता खत्म नहीं कर पा रहे हैं'
महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक भारत और चीन के बीच तनाव के चंद महीनों बाद चीनी हैकर्स ने भारतीय तकनीकी और बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर सिर्फ 5 दिन में 40,300 बार हैकिंग करने की कोशिश की. सेंधमारी के जरिए सिस्टम को ऑफलाइन करने की कोशिश की गई. वहीं कुछ फिशिंग अटैक किए गए.
'मौजूदा इंफ्रा को बदलना बहुत मुश्किल'
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि 'चीनी कंपनियों समेत भारत के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कॉन्ट्रेक्ट्स का रिव्यू किया जा रहा है. लेकिन दिक्कत ये है कि मौजूदा इंफ्रा को बदलना बहुत महंगा और मुश्किल है.'
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