मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी और उनके एक साथी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. फारूकी पर इंदौर में एक स्टैंडअप शो के दौरान धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है. उन्हें 1 जनवरी को इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने कहा कि अब तक इकट्ठा किए गए सबूतों से पता चलता है कि शो के दौरान जानबूझकर देश के नागरिकों के एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित किया गया था.
मुनव्वर फारूकी की तरफ से दायर हुईं पहली दो जमानत याचिकाएं पहले खारिज हो चुकी हैं.
“अब तक इकट्ठा किए गए सबूत/मटीरियल बताते हैं कि एक सार्वजनिक स्थान पर कॉमेडी की आड़ में, प्रथम दृष्टया; जानबूझकर भारत के नागरिकों के एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करते हुए कमेंट किए गए.”सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट
जमानत याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता के वकील की तरफ से ये भी दावा किया गया है कि याचिकाकर्ता ने दूसरे आरोपी के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर हिंदू भगवान, भगवान श्रीराम और देवी सीता को लेकर पिछले 18 महीनों में अपमानजनक जोक किए.
कोर्ट ने सोमवार को सुरक्षित रखा था फैसला
25 जनवरी को फारूकी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इंदौर बेंच ने कहा था कि “ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.” जस्टिस रोहित आर्य ने कहा, “लेकिन आप किसी और की धार्मिक भावनाओं का गलत फायदा क्यों उठाते हैं? आपकी विचारधारा के साथ क्या दिक्कत है? बिजनेस के लिए आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?”
25 जनवरी को सुनवाई के बाद याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.
फारूकी पर क्या हैं आरोप?
मुनव्वर फारूकी पर आरोप है कि नए साल के मौके पर इंदौर में एक कार्यक्रम में उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं को लेकर अपमानजनक बातें कहीं. स्थानीय बीजेपी विधायक मालिनी सिंह गौड़ के बेटे और हिंदू रक्षक संगठन के संयोजक, एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर फारूकी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हालांकि, इंदौर पुलिस कह चुकी है कि उनके पास फारूकी के खिलाफ कोई वीडियो सबूत नहीं है.
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