उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर की मंगलवार को मौत हो गई. रोहित शेखर की मां ने बताया है रोहित की मौत किसी बीमारी की वजह से नहीं हुई है, उनकी मौत सामान्य है लेकिन वो डिप्रेशन में थे. उन्होंने कहा कि वो जल्द ही उन लोगों के नाम का खुलासा करेंगी जो लोग रोहित के डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार हैं.
इससे पहले डीसीपी साउथ दिल्ली ने बताया कि रोहित शेखर तिवारी को दिल्ली के साकेत अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया. जानकारी के मुताबिक, रोहित शेखर नई दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में अपनी मां और पत्नी के साथ रहते थे. वो 40 साल के थे.
साल 2008 में रोहित शेखर ने एनडी तिवारी को अपना जैविक पिता बताते हुए मुकदमा कर दिया था. साल 2009 में अदालत ने मामले की सुनवाई की और तिवारी को ये आदेश दिया कि वह डीएनए टेस्ट के लिए अपने खून का सैंपल दें. 2011 में कोर्ट की निगरानी में एनडी तिवारी को जांच के लिए अपना खून देना पड़ा था. जांच हैदराबाद के सेंटर फोर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायएग्नोस्टिक्स में हुई थी. ब्लड सैंपल की जांच रिपोर्ट अदालत को सौंप दी थी. डीएनए रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि एन डी तिवारी ही रोहित शेखर के बायोलॉजिकल पिता और उज्ज्वला शर्मा उनकी बायोलॉजिकल मां है.
कोर्ट और डीएनए रिपोर्ट के बाद एक समारोह में एनडी तिवारी ने बेटे रोहित और उज्ज्वला को पत्नी माना था और बाद में उज्ज्वला शर्मा से शादी भी की थी.
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