सुप्रीम कोर्ट की ओर से अरुणाचल में बनी कलीखो पुल की सरकार को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद एक बार फिर नबाम तुकी की सरकार बहाल हो गई है.
कोर्ट का आदेश आने के बाद नबाम तुकी ने दस जनपथ जाकर कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी से मुलाकात की, जिसके बाद औपचारिक तौर पर एक बार फिर तुकी को सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
हिमाचल के CM ने बताया लोकतंत्र की जीत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस ने खुशी जाहिर की है. वहीं हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है. सिंह ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश तानाशाही के मुंह पर तमाचा है.
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने कलीखो पुल की सरकार को अंसवैधानिक करार देते हुए कहा कि राज्य में 15 दिसंबर 2015 से पहले की स्थिति बहाल होगी. कोर्ट के आदेश के बाद ही अरुणाचल में कांग्रेस सरकार की वापसी हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्यपाल का समय से पहले विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला और उसकी पूरी प्रक्रिया असंवैधानिक थी. कोर्ट के मुताबिक राज्यपाल ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया.
बीते साल शुरू हुआ था राजनीतिक संकट
राज्य में राजनीतिक संकट उस वक्त पैदा हुआ जब बीते साल 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में कांग्रेस सरकार के 47 विधायकों में से 21 विधायकों ने अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर दी थी. इसके बाद 26 जनवरी 2016 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था.
‘सदन में तय होगा, कौन बनेगा मुख्यमंत्री’
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अरुणाचल के सीएम कलीखो पुल ने कहा है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है. वह राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार को बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल करेंगे.
इसके साथ ही पुल ने कहा की सरकार संख्या बल से चलती है और संख्या बल सदन में तय होगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है.
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