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नागालैंड में 13 लोगों की मौत के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन, अमित शाह का पुतला फूंका

प्रदर्शनकारियों में ओटिंग गांव के निवासी शामिल थे, 14 में से 12 मारे गए लोग इसी गांव के थे.

Published
भारत
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कुछ दिन पहले नागालैंड (Nagaland) के मोन जिले में सेना के एक ऑपरेशन में छह नागरिकों की मौत हो गई थी. जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों और स्थानीय लोगों के बीच चली झड़प में सात और लोग मारे गए थे. एक सैनिक भी मारा गया था. अब इस घटना को लेकर नागालैंड में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.

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प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री का पुतला फूंका

एनडीटीवी में छपी खबर के अनुसार सोम में आज बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए जिनमे उग्र निवासियों ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से इस सप्ताह संसद में नागालैंड की घटना पर अपने "झूठे" और "मनगढ़ंत" बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है.

गृह मंत्री अमित शाह और उनके कथित रूप से गलत बयान और केंद्र सरकार के खिलाफ अफस्पा (AFSPA), या विशेष बल अधिनियम- जिससे उन्हें डर है कि इसका इस्तेमाल दोषियों को बचाने के लिए होगा, उसे जारी रखने के कारण प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री का पुतला फूंका.

प्रदर्शनकारियों में ओटिंग गांव के निवासी भी शामिल थे, 14 में से 12 मारे गए लोग इसी गांव के थे. इस प्रदर्शन का नेतृत्व कोन्याक संघ नामक ट्राइब के एक शीर्ष संगठन ने किया था. उन्होंने अमित शाह से तत्काल माफी और उनके संसद में दिए गए बयान को वापस लेने की मांग की है.

संघ के उपाध्यक्ष, होनांग कोन्याक ने कहा, "हम न्याय मांग रहे हैं... हमें सहानुभूति की जरूरत नहीं है. सच्चाई को छिपाना दुर्भाग्यपूर्ण है. संसद में गृह मंत्री अमित शाह का बयान दुनिया को गलत जानकारी से भ्रमित कर रहा है. उन्हें तुरंत इसे वापस लेना चाहिए और हम मांग करते हैं की वह माफी मांगे."

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प्रदर्शनकारियों ने की अफ्स्पा हटाने की मांग

प्रदर्शकारियों की मांग है कि जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति बने और घटना में शामिल सभी लोगों को देश के कानून के अनुसार आरोपित और दंडित किया जाना चाहिए.

लेकिन बड़ी मांग AFSPA, या सशस्त्र बल (विशेष शक्तिया) अधिनियम को निरस्त करना है - यह मांग नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने भी की है.

बीते सोमवार 06 दिसम्बर को संसद के दोनों सदनों में एक बेतुके बयान में, अमित शाह ने कहा कि सेना की इकाई ने केवल इसलिए गोलियां चलाईं क्योंकि ग्रामीणों को ले जा रहे ट्रक को रोकने का आदेश देने पर उसे भगा लिया गया था. उन्होंने कहा कि सेना की इकाई को वाहन में उग्रवादियों के होने का शक था, इसलिए सेना ने गोलियां चलाईं.

इन हत्याओं की नागालैंड और राष्ट्रीय विपक्षी दलों ने निंदा की और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बीजेपी की राज्य इकाई ने भी इसकी निंदा की. नागालैंड के बीजेपी प्रमुख तेमजेन इम्मा अलोंग, जो एक मंत्री भी हैं उन्होंने इसे "नरसंहार" कहा है.

(न्यूज इनपुट्स- एनडीटीवी)

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