बिहार (Bihar) के नालंदा के कुल गांव में 23 जुलाई की सुबह खेलते समय चार साल का शिवम एक गहरे बोरवेल में जा गिरा, जिसे NDRF ने करीब छह घंटे के कठिन ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाल लिया. जानकारी के अनुसार, बच्चे का स्वास्थ्य स्थिर है और उसे आपातकालीन चिकित्सा के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है.
नालंदा प्रशासन ने ट्वीट कर दी जानकारी
शिवम को सुरक्षित निकाले जाने के बाद नालंदा प्रशासन ने ट्वीट कर लिखा, "एनडीआरएफ व एसडीआरएफ तथा प्रशासन की मेहनत कारण बोरवेल में गिरे बच्चा सकुशल निकल गया."
40 फीट गहरे बोरवेल में फंसा था शिवम
शिवम रविवार, 23 जुलाई की सुबह करीब 9.30 बजे बोरवेल में गिर गया था. जानकारी के अनुसार, बोरवेल 150 फीट गहरा था, लेकिन शिवम 40 फीट की गहराई में फंसा था. उसके बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही आसपास हंगामा मच गया और तुरंत उसका रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया.
बताया जा रहा है कि बोरवेल में कैमरा डाला गया था, जिसके फुटजे में शिवम खड़ा दिखाई दे रहा था. बच्चा लगातार हाथ हिला रहा था. रेस्क्यू में जुटी टीम ने बच्चे को बोतल में लिक्विड भी दिया ताकि उसे डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके. इस पूरे प्रक्रिया के दौरान शिवम लगातार रो रहा था. लेकिन परिजन उसे समझाने की कोशिश करते रहे. शिवम की दो बड़ी बहनें हैं और एक छोटा भाई है.
NDRF-SDRF ने कैसे किया रेस्क्यू?
शिवम को पाइप लाइन के जरिए ऑक्सीजन दी गई. पहले NDRF जवान को बोरवेल में उतारने की तैयारी थी, लेकिन इसे कैंसिल कर दिया गया. इसके बाद बोरबेल के पास करीब 10 फीट गड्ढा किया गया है और बोरवेल के पास रस्सी से घेराबंदी की गई है ताकि भीड़ को दूर रखा जा सके. इस पूरे अभियान के दौरान एनडीआरएफ की 21 सदस्यीय टीम लगी थी.
नालंदा के कुल गांव में बोरवेल से बच्चे को रेस्क्यू करने के बाद NDRF अधिकारी जे.पी. प्रसाद ने बताया, "रेस्क्यू ऑपरेशन में 5-6 घंटे लग गए. बहुत बड़ी चुनौती थी, हम कैमरे से लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे."
खेत में मां के साथ गया था बच्चा
नालंदा थाने के भदारी गांव में डोमर मांझी का बेटा शिवम कुमार अपनी मां रेणू देवी के साथ खेत में गया था. चुहन सिंह के खेत में बोरिंग फेल हो जाने के कारण उसे ताड़ के पत्ते से ढका गया था. शिवम की मां खेत में काम करने लगी और तभी शिवम पेड़ के पास आकर खेलने लगा. इस बीच अचानक से वह बोरवेल में गिर गया. आवाज होने के बाद उसकी मां दौड़ी, इसके बाद अन्य ग्रामीणों को भी इसकी जानकारी दी गई.
चार जेसीबी बुलाई गईं, एक खराब
प्रशासन ने शुरुआत में मिट्टी को हटाने के लिए चार जेसीबी बुलाई. इसी दौरान एक जेसीबी खराब हो गई है. रेस्क्यू में तेजी लाने के लिए एक और जेसीबी को खुदाई में लगाया गया. वहीं 2 पोकलेन मशीनें भी लाई गई थी.
(इनपुट्स - महिप राज)
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