20 मई को कलकत्ता हाईकोर्ट में नारदा घोटाले में टीएमसी नेता की गिरफ्तारी केस की सुनवाई होनी थी लेकिन कोर्ट ने इस सुनवाई को स्थगित कर दिया है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक इसके पीछे 'ना टाली जा सकते वालीं परिस्थितियों' का हवाला दिया गया है.
केस की सुनवाई टलने के बाद टीएमसी नेता और विधायक मदन मित्रा के वकील ने रजिस्ट्रार को ईमेल भेजा है और इस मामले में कोर्ट की अलग से डिवीजन बेंच बनाने का निवेदन किया है.
कोर्ट के नोटिफिकेशन के मुताबिक चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और अरिजीत बनर्जी की पहली बेंच जिन्होंने एक दिन पहले मामले की सुनवाई की थी, वो किसी 'ना टाली जा सकने वाली परिस्थितियों' के कारण सुनवाई के लिए नहीं आ सकेंगे.
इसके पहले सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने टीएमसी नेता फिरहाद हाकिम, सुब्रता मुखर्जी, मदन मिश्रा और सोवन चटर्जी को 17 मई को उनकी गिरफ्तारी के बाद जमानत दे दी थी.
सीबीआई नारदा घोटाले की जांच को पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग कर चुकी है. कलकत्ता हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके नेताओं पर जांच में रुकावट डालने का आरोप लगाया.
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने तृणमूल कांग्रेस के 4 नेताओं मंत्री फिरहद हकीम और सुब्रतो मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और सोवन चटर्जी की पुलिस हिरासत की मांग की है. जिन्हें नारदा घोटाले में सोमवार 17 मई को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई ने अपनी याचिका में ममता बनर्जी, राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक और पार्टी नेता कल्याण बनक्जी को भी केस में पक्षकार बनाया है.
गिरफ्तारी के विरोध में धरने पर बैठी थीं ममता बनर्जी
नारदा घोटाले को लेकर सोमवार को टीएमसी के 4 नेताओं की गिरफ्तारी के बाद कोलकाता में सीबीआई के दफ्तर के बाहर सीएम ममता बनर्जी अपनी गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गई थीं. इसके बाद सीबीआई ऑफिस के बाहर हिंसा हुई थी.
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