आधार डेटा की सिक्योरिटी में तमाम झोल बताने वाले फ्रैंच रिसर्चर ने पीएम मोदी के 'नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप' को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है. इलियट एल्डरसन नाम के ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक कई ट्वीट किए गए हैं.
इन ट्वीट्स में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोबाइल एप्लिकेशन इस्तेमाल करने वाले यूजर्स का पर्सनल डेटा उनकी बिना जानकारी के थर्ड पार्टी के साथ शेयर किया जा रहा है. निजी जानकारी एक थर्ड पार्टी डोमेन in.wzrkt.com के साथ शेयर की जाती है, जो कि अमेरिकी कंपनी क्लेवर टैप से संबंधित है.
यूजर्स का ईमेल, फोटो, नाम, लिंग जैसा पर्सनल डेटा बिना उसकी जानकारी के किसी भी थर्ड पार्टी को दिया जाना निजता के उल्लंघन का गंभीर मामला है. निजता का उल्लंघन वाकई में हो रहा है या नहीं, इस दावे का पता लगाने के लिए Alt News ने इस पूरे मामले की पड़ताल की. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के एंड्रॉइड ऐप को भी खंगाला.
आपका फोन एक निश्चित वेबसाइट से कनेक्ट है या नहीं, यह पता लगाने के लिए फोन और बाहरी दुनिया के बीच का डेटा इंटरसेप्टेड होना चाहिए. ऐसे कई सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन हैं, जिनसे ऐसा संभव है. इसी तरह का एक पॉपुलर सॉफ्टवेयर है, जिसका नाम 'चार्ल्स' है. 'चार्ल्स' के बारे में आसान शब्दों में समझें तो यह मशीन और इंटरनेट के बीच के HTTP और SSL/HTTPS के बीच क्या चल रहा है इसका पता लगा सकता है. 'चार्ल्स' का ट्रायल वर्जन इंस्टालेशन के तीस दिन तक काम करता है और इसे एक बार में 30 मिनट तक चलाया जा सकता है.
रिसर्चर के दावे की सत्यता जांचने के लिए नरेंद्र मोदी एंड्रॉइड ऐप को फोन में डाउनलोड किया गया और इस पर प्रोफाइल बनाया गया. प्रोफाइल बनाने की प्रक्रिया के दौरान ऐप डेटा को इंटरनेट पर भेजता है, जिसका पता चार्ल्स सॉफ्टवेयर के जरिए लगाया.
इस प्रक्रिया के दौरान नाम, ईमेल, लिंग और टेलिकॉम ऑपरेटर जैसी निजी जानकारी in.wzrkt.com के पास चली गईं.
देखिए- किस तरह थर्ड पार्टी को भेजी जा रही है आपकी निजी जानकारी
वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे नरेंद्र मोबाइल ऐप पर प्रोफाइल बनाते ही आपकी निजी जानकारी बगैर आपकी अनुमति के थर्ड पार्टी को भेजी जा रही है.
(यह खबर alt news पर पब्लिश की गई है)
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