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मोदी की सांसदों को नसीहत, छपास-दिखास और मंत्री पद की चाहत से बचो

दूसरा कार्यकाल शुरू करने से पहले मोदी ने लगाई सांसदों की ‘क्लास’

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बीजेपी और एनडीए के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने बड़बोले नेताओं और मंत्री पद की चाहत रखने वालों को हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि चुने गए लोकसभा सदस्य 'छपास और दिखास' से बचें और मंत्री बनने की चाहत रखने वाले नेता मीडिया में चल रही अटकलों से बचें.

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छपास और दिखास से बचने की नसीहत

नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री दूसरा कार्यकाल शुरू करने से पहले कहा कि पिछले 5 साल का कार्यकाल देखें तो कई बार कुछ बड़बोले नेताओं की वजह से परेशानी बढ़ी. उन्होंने कहा-

पिछला जो कार्यकाल रहा, हम चर्चा में इसलिए नहीं रहे कि कुछ गलत किया, न ही कोई ऐसा सरकार के प्रति, मिनिस्टर के प्रति तूफान खड़ा हुआ...लेकिन मसाला दिया किसी ने तो हमने दिया... जो बड़बोलापन है...और टीवी के उस डंडे में पता नहीं क्या ताकत होती है कि खोल देता है मुंह तुरंत, कुछ भी बोल देता है...और बोल देते हैं तो 24-48 घंटे तक उनकी दुकानदारी चलती है और हमारी परेशानी बढ़ती है.

मोदी ने विवादित बयान देकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले बीजेपी नेताओं और सांसदों का जिक्र करते हुए कहा-

कुछ लोगों को तो मैंने देखा है कि जब तक सुबह उठकर के राष्ट्र के नाम संदेश नहीं देते, उनको चैन नहीं आता है. अच्छा मीडिया के लोगों को भी पता होता है कि 6 नमूने हैं, वहां सुबह पहुंच जाओ, गेट के सामने खड़े हो जाओ, निकलेगा तो कुछ तो बोलेगा. उससे नुकसान होता है हमें... सदन चलने के बाद कुछ कहूंगा तो कुछ लोगों को लगेगा कि शायद यह मेरे लिए कहा है..... लेकिन मैं बिल्कुल न्यूट्रल अवस्था में कहता हूं कि हम सब इन चीजों से बचें.   

मोदी ने खास तौर पर पहली बार चुनकर संसद आने वालों को अखबारों में छपने और टीवी पर दिखने का मोह त्यागने की नसीहत दी. उन्होंने कहा-

आडवाणी जी जब पार्टी का नेतृत्व करते थे तो दो चीजों से बचने के लिए कहा करते थे. पहला छपास और दूसरा दिखास. छपने का मोह और टीवी पर दिखने का मोह. खासकर नए सांसद इससे बचें. 

‘मंत्री पद को लेकर मीडिया की अटकलों से बचें’

नरेंद्र मोदी ने निर्वाचित सांसदों को मंत्री पद को लेकर मीडिया में आने वाली अटकलों से भी बचने की सलाह दी. मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल में कौन होगा, कौन नहीं, यह वह तय करेंगे और इसे लेकर कोई मीडिया की अटकलबाजियों पर न जाएं.

उन्होंने कहा-

‘इस देश में बहुत ऐसे नरेंद्र मोदी पैदा हो गए हैं, जिन्होंने मंत्रिमंडल बना दिया है. अगर सबका टोटल लगाएंगे तो शायद कुछ 5-50 सांसद ही बचेंगे जो मंत्री की लिस्ट में नहीं हैं. ये सबसे बड़ा संकट होता है... हमको भी लगता है कि उस अखबार में आया है, जरूर मेरा नंबर लगेगा...मैं इतना हैरान हूं कि आजकल लोग झूठे फोन करते हैं कि मैं पीएमओ से बोल रहा हूं, आपका नाम तय हो गया है आप दिल्ली आ जाइए.... वह नया होता है, आवाज भी नहीं पहचान पाता... सच मान लेता है. मीडिया में जो कुछ भी चल रहा है, वह भ्रम फैलाने के लिए कर रहे हैं. आप उस भ्रम में मत आइए.

मोदी ने कहा, ‘कुछ लोग तो आकर आप से ये भी कहेंगे कि यार मैंने तो तुम्हारा नाम कंप्यूटर में देखा था, रात को 9 बजे नाम था. लेकिन राष्ट्रपति के पास लिस्ट गई तो तुम्हारा नाम क्यों नहीं था?....ऐसा कुछ नहीं होता है...जो कुछ भी होता है...वह नॉर्म्स के अनुसार होता है. दायित्व बहुत कम लोगों को दे सकते हैं, इसलिए इसके चक्कर में मत पड़िए.’

मोदी ने नवनिर्वाचित सांसदों को खुद को जनता और पार्टी से कभी भी ऊपर नहीं समझने की भी नसीहत दी. उन्होंने कहा कि हमारे भीतर का कार्यकर्ता जिंदा रहना चाहिए. थोड़ा सा भी अहंकार नहीं रहना चाहिए.

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