नरेंद्र मोदी सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग में 12 मार्च और 12 अप्रैल के बीच 12 अंकों की गिरावट आई है. सीवोटर-आईएएनएस ट्रैकर में यह बात सामने आई है. केंद्र सरकार की प्रदर्शन रेटिंग 26 फरवरी को बालाकोट हवाई हमले के बाद के दिनों में काफी बढ़ गई थी और सात मार्च को यह 62.06 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी.
पहले फेज के मतदान के बाद गिरी रेटिंग
22 मार्च तक 50 से 59 के बीच रहने के बाद, पहले चरण में 91 सीटों पर मतदान के एक दिन बाद 12 अप्रैल को सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग घटकर 43.25 रह गई. ठीक एक महीने पहले 12 मार्च को, सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग 55.28 थी.
किस सर्वे पर आधारित है ट्रैकर?
ट्रैकर निष्कर्ष उस सर्वेक्षण पर आधारित है, जिनमें लोगों से बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के बारे में पूछा गया था कि क्या वे सरकार से 'बहुत संतुष्ट' हैं, 'कुछ हद तक संतुष्ट' हैं, 'संतुष्ट नहीं' हैं और 'नहीं जानते/नहीं कह सकते' हैं.
सात मार्च को 51.32 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा था कि वे सरकार के प्रदर्शन से बहुत संतुष्ट हैं. हालांकि, सर्वेक्षण में शामिल सभी लोगों के जवाब को ध्यान में रखते हुए, सरकार के लिए लोगों की नेट अप्रूवल रेटिंग में लगातार गिरावट में रही है और यह पुलवामा हमले की घटना से पहले के स्तर पर आ रही है.
बालाकोट स्ट्राइक के बाद बढ़ी थी रेटिंग
एक जनवरी को सरकार को पसंद करने की रेटिंग 32.4 थी. मध्य फरवरी के बाद जब पुलवामा हमला हुआ था, तब लगातार बढ़ने से पहले पूरे महीने के लिए 30 और 40 के बीच बनी रही. इसके बाद बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ हवाई हमले की कार्रवाई के बाद रेटिंग में तेजी से वृद्धि हुई थी.
(सोर्स: IANS)
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