बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन पहुंचे. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. राष्ट्रपति ने उन्हें रविवार, 9 जून को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने का न्योता दिया है और तब तक के लिए उन्हें मनोनीत प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.
पीएम मोदी ने बाहर आने के बाद शपथग्रहण की तारीख बताते हुए कहा कि
"मैंने राष्ट्रपति को कहा है कि हमें 9 जून की शाम को सुविधा रहेगी और हम तब तक मंत्री परिषद की सूची राष्ट्रपति को सौपेंगे और फिर शपथ समारोह होगा."
उन्होंने कहा कि "18वीं लोकसभा एक प्रकार से नई ऊर्जा, युवा ऊर्जा और कुछ कर गुजरने के इरादे वाली लोकसभा है. आजादी के अमृत महोत्सव के बाद का यह पहला चुनाव है. यह वह 25 वर्ष है जो हमारे अमृत काल के 25 वर्ष है..."
इससे पहले मोदी ने पार्टी के दिग्गज नेताओं, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से उनके आवास पर मुलाकात की.
एनडीए के नेता चुने गए नरेंद्र मोदी
संसद के पुराने भवन के सेंट्रल हॉल में हुए एनडीए सांसदों की बैठक में नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया. राजनाथ सिंह ने बीजेपी संसदीय दल, एनडीए संसदीय दल और लोकसभा के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी को चुनने का प्रस्ताव एनडीए सांसदों की बैठक में रखा.
अमित शाह, नितिन गडकरी, जेडीएस से एचडी कुमारस्वामी, टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जेडीयू नेता नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, एनसीपी नेता अजित पवार, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, अपना दल (एस) से अनुप्रिया पटेल और जनसेना पार्टी से पवन कल्याण ने प्रस्ताव का समर्थन और अनुमोदन किया.
एनडीए सांसदों की बैठक में टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू हों या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, एनडीए के सभी सहयोगी दलों के नेताओं के साथ पीएम मोदी की जबरदस्त बॉन्डिंग भी देखने को मिली.
नीतीश-नायडू पर निर्भर रहेगी सरकार
4 जून को घोषित लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं, लेकिन बहुमत के आंकड़े 272 से 32 सीटें पीछे रह गईं. हालांकि पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन, एनडीए को बहुमत मिला है जिससे मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखेंगे.
चंद्रबाबू नायडू के 16 सांसदों और नीतीश कुमार की पार्टी के 12 सांसदों का समर्थन मोदी सरकार बनाने और चलाने को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है. उन 28 सीटों के बिना, मोदी के पार संख्या घटकर मात्र 265 रह जाती है.
इस बीच, कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की है. पार्टी ने 2014 में 44 और 2019 में 52 सीटें जीती थीं.
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