ADVERTISEMENTREMOVE AD

लिंचिंग पर लेटर के समर्थन में नसीर समेत 180 लोग,FIR का खुलकर विरोध

इन 180 हस्तियों ने एक नए लेटर में सवाल उठाया है कि पीएम मोदी को एक ओपन लेटर लिखना कैसे ‘राजद्रोह’ हो सकता है?

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

49 हस्तियों के पीएम मोदी को लिखे लेटर के समर्थन में सेलिब्रिटीज का नाम बढ़ता ही जा रहा है. 180 हस्तियों के बाद 1300 सेलिब्रिटीज ने भी इस लेटर को सपोर्ट किया है. एक्टर नसीरुद्दीन शाह, इतिहासकार रोमिला थापर, एक्टिविस्ट हर्ष मंदर के बाद अब इसमें अरुंधति रॉय, प्रताप भानु मेहता, असगर वजाहत, राजेश जोशी, सुदर्शन शेट्टी, टीके राजलक्ष्मी का नाम जुड़ गया है.

सभी 1389 हस्तियों ने बिहार के मुजफ्फरपुर में 49 हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह के तहत दर्ज केस की निंदा की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
49 हस्तियों ने लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. एक वकील की याचिका पर बिहार के मुजफ्फरपुर में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया. इन 49 हस्तियों में श्याम बेनेगल, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, सौमित्र चटर्जी, अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन और शुभा मुद्गल जैसे नामी लोग हैं.

180 हस्तियों ने एक लेटर जारी किया है, जिसमें लिखा है, 'इंडियन कल्चरल कम्युनिटी के सदस्यों के तौर पर, हम इसकी निंदा करते हैं. हम हमारे कलीग्स के पीएम मोदी को संबोधित लेटर के हर शब्द का समर्थन करते हैं. इसलिए हम इस लेटर को एक बार फिर शेयर कर रहे हैं, कल्चरल और लीगल कम्युनिटी से भी ऐसा करने की अपील करते हैं. यही कारण है कि हम हर दिन और ज्यादा बोलेंगे, मॉब लिंचिंग के खिलाफ, लोगों की आवज को चुप कराने के खिलाफ, नागरिकों का शोषण करने के लिए कोर्ट के दुरुपयोग के खिलाफ.'

इन 180 हस्तियों ने एक नए लेटर में सवाल उठाया है कि पीएम मोदी को एक ओपन लेटर लिखना कैसे 'राजद्रोह' हो सकता है?

‘कल्चरल कम्युनिटी के हमारे 49 कलीग्स के खिलाफ सिर्फ इसलिए FIR दर्ज की गई क्योंकि वो समाज के जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपना फर्ज निभा रहे थे. उन्होंने देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जताते हुए पीएम को लेटर लिखा था. क्या इसे ‘राजद्रोह’ कहा जा सकता है? या ये सिर्फ लोगों की आवाजों को दबाने के लिए कोर्ट का दुरुपयोग कर उनका शोषण किया जा रहा है?’

लेटर में साइन करने वालों में लेखक अशोक वाजपेयी और जेरी पिंटो, कवि जीत थायिल, लेखक शम्सुल इस्लाम, अकैडमिशन इरा भास्कर, म्यूजिशियन टीएम कृष्णा और फिल्ममेकर-प्रोड्यूसर सबा दीवान शामिल हैं. इन हस्तियों ने वादा किया कि वो 'लोगों की आवाज' को चुप कराने के खिलाफ बोलते रहेंगे.

50 हस्तियों ने लिखी थी पीएम को चिट्ठी

श्याम बेनेगल, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, सौमित्र चटर्जी, अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन और शुभा मुद्गल समेत 49 मशहूर हस्तियों ने इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी था. अपनी चिट्ठी में सभी ने कहा था कि मुस्लिमों, दलितों और दूसरे अल्पसंख्यकों की मॉब लिंचिंग को तुरंत रोकने के लिए सरकार कड़े कदम उठाए. इसके साथ ही लिखा गया था कि असहमति के बगैर लोकतंत्र की कल्पना मुश्किल है.

वकील सुधीर कुमार ओझा ने 27 जुलाई को कोर्ट में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में ओझा ने हस्तियों पर आरोप लगाया है कि असिहष्णुता को लेकर पीएम की चिट्ठी के बारे में मीडिया में बताकर उन्होंने देश का नाम खराब किया है

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×