बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) शासन लौटने की 'खुशी मनाने' वाले लोगों के लिए एक संदेश दिया है. शाह ने 'भारतीय मुसलमानों के कुछ तबकों के बीच तालिबान की वापसी के जश्न मनाने' को 'खतरनाक' बताया है.
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में नसीरुद्दीन शाह ने कहा, "अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है. लेकिन भारतीय मुसलमानों के कुछ धड़ों में इसका जश्न मनाना भी कम खतरनाक नहीं है."
"जो लोग तालिबान की वापसी का जश्न मना रहे हैं, उन्हें खुद से सवाल करना चाहिए कि क्या वो सुधारा हुआ और आधुनिक इस्लाम चाहते हैं या पिछली कई सदियों के पुराने वहशीपन के साथ रहना चाहते हैं."नसीरुद्दीन शाह
'हिंदुस्तानी इस्लाम अलग है'
वेटरन एक्टर ने 'हिंदुस्तानी इस्लाम' और दुनिया के दूसरे हिस्सों में माने जाने वाले इस्लाम में अंतर भी समझाए. नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि 'अल्लाह न करे कि कभी ऐसा समय आए कि हिंदुस्तानी इस्लाम इतना बदल जाए कि हम उसे पहचान भी न सकें.'
शाह ने कहा, "मैं हिंदुस्तानी मुसलमान हूं और जैसा कि मिर्जा गालिब कई साल पहले कह गए हैं, अल्लाह से मेरा रिश्ता बहुत बेतक्कलुफ है. मुझे सियासी मजहब नहीं चाहिए."
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर 15 अगस्त को तालिबान का कब्जा हो गया था. राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर जाने के बाद तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर भी नियंत्रण पा लिया था. अमेरिका ने 30 और 31 अगस्त की बीच की रात में अफगानिस्तान में अपना मिशन खत्म किया और निकासी पूरी की. हालांकि, तालिबान अपनी उदार छवि पेश कर रहा है लेकिन लोगों के बीच डर बना हुआ है.
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