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नताशा, कलिता, आसिफ को बेल: परिवार ने कहा-“न्याय पर भरोसा फिर जागा”

नताशा नरवाल और देवांगना कलिता JNU में PhD स्कॉलर हैं, और आसिफ इकबाल तन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट हैं.

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भारत
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दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 जून को UAPA के तहत दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) केस में गिरफ्तार किए गए नताशा नरवाल (Natasha Narwal), देवांगना कलिता (Devangana Kalita) और आसिफ इकबाल तन्हा (Asif Iqbal Tanha) को जमानत दे दी. कोर्ट ने कई तथ्यों को ध्यान में रखते हुए माना कि विरोध जताना कोई आतंकी गतिविधि नहीं है. करीब एक साल बाद बेल मिलने पर द क्विंट ने तीनों के परिवारों से संपर्क कर उनकी प्रतिक्रिया जानी.

32 साल की नताशा नरवाल और 31 साल की देवांगना कलिता जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पीएचडी स्कॉलर हैं और पिंजरा तोड़ की सदस्य भी हैं. आसिफ इकबाल तन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट हैं. तीनों ही नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रमुख रूप से मुखर रहे हैं.
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न्यायपालिका में विश्वास फिर से जगा: नताशा नरवाल के भाई आकाश

नताशा को जमानत मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए उनके 27 साल के भाई आकाश नरवाल ने कहा, “उनकी जमानत याचिका स्वीकार किए जाने की खबर मेरे लिए आश्चर्य की बात थी. मुझे इस समय में ऐसी अच्छी खबर की उम्मीद नहीं थी, जब सब कुछ खराब ही हो रहा है.”

नताशा नरवाल और देवांगना कलिता JNU में PhD स्कॉलर हैं, और आसिफ इकबाल तन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट हैं.
अपने पिता महावीर नरवाल के साथ नताशा और आकाश
(फोटो: फेसबुक/महावीर नरवाल)
नताशा और आकाश ने पिछले महीने अपने पिता, महावीर नरवाल को खो दिया. 11 मई को कोरोना वायरस से उनकी मौत हो गई. करीब 20 साल पहले उनकी मां की मृत्यु हुई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए नताशा को तीन हफ्तों की अग्रिम जमानत दी थी.

आकाश ने आगे कहा, “इतने पावरफुल जमानत आदेश को पढ़कर मेरा न्यायपालिका में विश्वास फिर से जाग गया है और इससे मुझे उम्मीद है कि हर किसी को, जिसे गलत तरीके से आरोपी बनाया गया और कैद किया गया है, उसे भी न्याय मिले.”

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“उसका पसंदीदा खाना बनाउंगी”: देवांगना की मां

डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और एप्लाइड जियोलॉजी की डिपार्टमेंट हेड, देवांगना की 60 साल की मां, कल्पना देका कलिता कहती हैं कि वो बेटी के घर आने पर उनका पसंदीदा खाना बनाएंगी.

नताशा नरवाल और देवांगना कलिता JNU में PhD स्कॉलर हैं, और आसिफ इकबाल तन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट हैं.
अपने परिवार के साथ देवांगना
(फोटो: Accessed by The Quint)
“उसे लिखी एक चिट्ठी में मैंने कहा था कि वो जब रिहा हो जाएगी, तो मैं दिल्ली आऊंगी और उनके लिए फिश की ग्रैंड मील बनाऊंगी.”
कल्पना देका कलिता, देवांगना की मां

कल्पना कहती हैं कि उन सभी ने खुद को इस बात के लिए तैयार कर लिया था कि देवांगना को कुछ और साल जेल में बिताने पड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, “हर चिट्ठी में हम उसे कहते थे कि ये मुश्किल समय नहीं, बल्कि उसके लिए गोल्डन मूमेंट है, जिसमें वो लेखन और विचार में समय बिता सकती है.”

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‘दूसरे UAPA आरोपियों को भी मिले जमानत’: आसिफ के भाई

आसिफ इकबाल तन्हा के 27 साल के भाई, शहनवाज हुसैन दूसरे UAPA आरोपियों की भी जल्द रिहाई की मांग करते हैं.

नताशा नरवाल और देवांगना कलिता JNU में PhD स्कॉलर हैं, और आसिफ इकबाल तन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट हैं.
अपने भाई के साथ आसिफ इकबाल तन्हा
(फोटो: Accessed by The Quint)
“हम सच्चाई देखने के लिए अदालतों पर भरोसा करते हैं. उम्मीद है कि इस मामले में जेल में बंद अन्य निर्दोष लोग भी जल्द ही जेल से रिहा होंगे. जेल में बंद UAPA के अन्य आरोपियों के लिए ये फैसला अच्छा है.”
शहनवाज हुसैन, आसिफ के भाई

आसिफ की 57 वर्षीय मां, जहान आरा अपने उत्साह को रोक नहीं पातीं. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में उनके विश्वास का जवाब दिया गया है, “हमें पूरा विश्वास था कि उसे जमानत मिल जाएगी. मेरे बेटे पर ये निराधार आरोप थे, वो बहुत पढ़ता था और अब जल्द ही घर आएगा. मैं केवल इस बारे में सोच रही हूं कि जब मैं उसे देखूंगी तो उसे कैसे कसकर गले लगाउंगी.”

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