नेशनल हेराल्ड हाउस के मामले में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने 2 हफ्ते के अंदर कांग्रेस को नेशनल हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करेगी, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.
कोर्ट के आदेश के मुताबिक, नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिक कंपनी (AJL) को हेराल्ड हाउस खाली करना होगा.
22 नवंबर को कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
22 नवंबर को नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग की लीज खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ AJL की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्र सरकार ने लीज के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोपों के आधार पर हेराल्ड बिल्डिंग की लीज रद्द करने का फैसला किया था.
केंद्र सरकार की तरफ से नेशनल हेराल्ड हाउस को नोटिस दिया गया था कि वो बिल्डिंग खाली कर दे, क्योंकि जिस मकसद से सरकार ने उन्हें बिल्डिंग दी थी, वो काम वहां नहीं हो रहा है.
नेशनल हेराल्ड ने दी थी यह दलील
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट में कहा था कि नियम के मुताबिक, नेशनल हेराल्ड हाउस में प्रिंटिंग का काम होना चाहिए, जबकि वहां काफी समय से ऐसा नहीं हो रहा है.
नेशनल हेराल्ड की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा, ''2008 से 2016 के बीच कंपनी की वित्तीय हालत ठीक नहीं थी. इसलिए पब्लिकेशन बंद करना पड़ा था.'' उन्होंने कहा कि वित्तीय हालत ठीक होने के बाद दोबारा अखबार का काम शुरू हुआ. इस समय यह अखबार हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में है.
सिंघवी ने बताया, ''न्यूज पेपर प्रिंटिंग का काम कहीं और होता है. समय के साथ साथ अखबार पढ़ने वाले लोगों की सोच भी बदली है. इस लिहाज से कंपनी ने इंटरनेट पर भी इसे प्रकाशित किया है.'' इसके बाद शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस पर फैसला सुनाया. अपनी याचिका खारिज होने के बाद AJK को दो हफ्तों के अंदर हेराल्ड बिल्डिंग खाली करनी होगी.
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