नेशनल हेराल्ड केस (National Herald) केस में प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को दिल्ली समेत कई शहरों में छापेमारी की. नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में भी रेड की खबर है, जिस केस में सोनिया गांधी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पूछताछ की जा रही है. मंगलवार सुबह जांच अधिकारियों की एक टीम नेशनल हेराल्ड के कार्यालय पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली में 12 जगहों पर छापेमारी की जा रही है. 27 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया गांधी से पूछताछ के कुछ दिनों बाद यह बात सामने आई है. कांग्रेस अध्यक्ष को मामले में तीन अलग-अलग दिनों में पूछताछ के लिए तलब किया गया था
राहुल गांधी से हुई थी 50 घंटे पूछताछ
इससे पहले, जून में राहुल गांधी से इसी मामले में 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई थी.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
जवाहर लाल नेहरु ने 1938 में नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत की थी. साल 2008 में अखबार छपना बंद हो गया. इस अखबार का मालिकाना हक एसोसिएट जर्नल्स (Associated Journals Limited) के पास था. AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई, जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड. इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% थी, जबकि कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के पास 24 फीसदी हिस्सेदारी थी.
Associated Journals Limited ने 2010 में अपने 10-10 रुपए के 9 करोड़ शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिए. बताया गया कि इसके एवज में यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगी, लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला.
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