केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल पेंशन स्कीम यानी NPS में बदलावों पर मुहर लगा दी है. ये बदलाव अगले फाइनेंशियल इयर से लागू हो जाएंगे. सबसे बड़ा बदलाव ये है कि अब NPS से withdrawal यानी पैसे निकालने पर टैक्स नहीं लगेगा. इसके दायरे में आने वाले सेंट्रल गवर्नमेंट कर्मचारियों के लिए सरकार अपना कंट्रीब्यूशन भी बढ़ाने जा रही है.
अगर आप NPS में इनवेस्ट कर रहे हैं तो नियमों में होने जा रहे बदलावों को जान लीजिए. यहां हम आपको इन बदलावों से रूबरू करा रहे हैं.
NPS के तहत निकासी अब टैक्स फ्री
अब तक NPS की मेच्योरिटी पर टैक्स लगता था. इस वजह से इसमें लोग निवेश से कतराते थे. लेकिन अब NPS की मेच्योरिटी पर withdrawal में मिलने वाली 60 फीसदी रकम पर टैक्स माफ होगा.
फिलहाल, रिटायरमेंट या 60 साल की उम्र में NPS सब्सक्राइवर को 60 फीसदी पैसा निकालने की इजाजत है. जबकि 40 फीसदी पैसा एन्यूटी प्लान में इनवेस्ट करना होता है ताकि इससे सब्सक्राइवर को आगे नियमित पेंशन मिलती रहे. जो 60 फीसदी पैसा रिटायरमेंट के वक्त निकालने की इजाजत होती है उसमें से 40 फीसदी टैक्स फ्री होता है और बाकी 20 फीसदी पर टैक्स लगता है. बाकी जो 40 फीसदी पैसा एन्यूटी खरीदने के लिए इनवेस्ट किया जाता है, वह पूरी तरह टैक्स फ्री होता है.
नए बदलाव गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर दोनों के सब्सक्राइवर्स के लिए
NPS से निकासी पर टैक्स रिबेट का लाभ का नियम सरकारी और प्राइवेट इनवेस्टर दोनों के लिए लागू होगा. इससे NPS भी PPF और EPF जैसा हो जाएगा, जिसमें निवेश और withdrawal पर टैक्स नहीं लगता. इस वक्त निकासी के समय NPS के सिर्फ 20 फीसदी पैसे पर टैक्स लगता है.
टियर 1 एनपीएस से रिटायरमेंट तक पैसे नहीं निकाल सकते. लेकिन टियर 2 एनपीएस से पैसे निकाल सकते हैं. अभी तक के नियमों के मुताबिक टियर 2 से पैसे से निकालने पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता.
सेंट्रल गवर्नमेंट कर्मचारियों के लिए सरकार का कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा
NPS के दायरे में आने वाले सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारियों के खाते में सरकार का कंट्रीब्यूशन अब 14 फीसदी हो जाएगा. अब तक सरकार इसमें 10 फीसदी योगदान करती रही है. कर्मचारियों का योगदान 10 फीसदी ही रहेगा.
नए इनवेस्टमेंट पैटर्न भी आएंगे
NPS के दायरे में आने वाले सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारियों को पेंशन फंड मैनेजर के चुनाव में ज्यादा विकल्प मिलेंगे. साथ ही उनके लिए अब ज्यादा इनवेस्टमेंट पैटर्न भी होंगे. इनमें डेट इंस्ट्रूमेंट्स से लेकर इक्विटी और डेट दोनों के कॉम्बिनेशन वाले निवेश माध्यम होंगे.
घाटे की भरपाई के नियम को भी मिली मंजूरी
सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारियों के लिए 2004-2012 की अवधि में एनपीएस कंट्रीब्यूशन की देरी से जमा या जमा न होने पर घाटे की भरपाई को भी मंजूरी मिल गई है.
इनकम टैक्स बेनिफिट
जहां तक इनकम टैक्स बेनिफिट का सवाल है तो NPS टियर टू में निवेश करने वाले सरकारी कर्मचारियों को डेढ़ लाख तक के डिडक्शन वाले सेक्शन 80 सी का लाभ मिलेगा. हालांकि यह तीन साल के लॉक-इन पीरियड वाले इनवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स पर ही लागू होगा.
इसका लाभ प्राइवेट सब्सक्राइवर को भी मिल सकता है. इससे NPS , ELSS के समकक्ष हो जाएगा. खास कर सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स सेविंग्स इनवेस्टमेंट के न्यूनतम लॉक इन पीरियड के मामले में.
NPS यानी नेशनल पेंशन स्कीम पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई थी. लेकिन अब इसमें गैर संगठित क्षेत्र में काम करने वालों लोगों के साथ देश का हर नागरिक इनवेस्ट कर सकता है.
NPS में दो तरह के अकाउंट होते हैं टियर 1 और टियर 2 . टियर 2 में निवेश रिटायरमेंट के पहले नहीं निकाला जा सकता. जबकि टियर 2 अकाउंट से आप जब चाहे पैसे निकाल सकते हैं. यह अकाउंट स्वैच्छिक सेविंग स्कीम की तरह काम करता है.
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