नागरिकता संशोधन बिल (CAB - Citizenship Amendment Bill) को लेकर जहां देशभर के कुछ हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है. वहीं मोदी सरकार की नजर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स ऑफ इंडिया को देशभर में लागू करवाने पर है. अभी तक एनआरसी का नाम आते ही लोगों के दिमाग में असम आता है. लेकिन पूरे देशभर में एनआरसी लागू होने के बाद असम की तरह ही लोगों को अपनी नागरिकता साबित करनी होगी. ऐसे में हर भारतीय के जहन में एक ही सवाल होगा कि आखिर उसे नागरिकता साबित करने के लिए उसे कौन-कौन से दस्तावेज (डॉक्यूमेंट) दिखाने होंगे.
असम के लोगों को सूची A में दिए गए कागजातों में से कोई एक जमा करना था. इसके अलावा दूसरी लिस्ट B में दिए गए डॉक्यूमेंट्स (NRC required documents) में से किसी एक को दिखाना था, जिससे आप अपने पूर्वजों से संबंध साबित कर सकें. इससे पता चलेगा कि आपके पूर्वज असम के ही थे. अगर असम का फॉर्मूला पूरे देशभर में लागू होता है तो निम्नलिखित दस्तावेजों की जरुरत पड़ेगी.
लिस्ट A में मांगे गए मुख्य दस्तावेजों की लिस्ट
- 1951 का एनआरसी
- 24 मार्च, 1971 तक का मतदाता सूची में नाम
- जमीन का मालिकाना हक या किराएदार होने का रिकॉर्ड
- स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र
- शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र
- नागरिकता प्रमाण पत्र
- किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस या सर्टिफिकेट
- सरकार या सरकारी संस्था के तहत सेवा या नियुक्ति को प्रमाणिक करने वाला कागजात
- बैंक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट
- जन्म प्रमाण पत्र
- राज्य के एजुकेशन बोर्ड या यूनिवर्सिटी के प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- कोई भी एलआईसी पॉलिसी
- अदालत के आदेश रिकॉर्ड
ऊपर बताए गए डॉक्यूमेंट्स में से कोई भी 24 मार्च, 1971 के बाद का नहीं होना चाहिए. अगर किसी नागरिक के बाद इस तारीख के बाद के कागजात हैं तो वह अपने पिता या दादा के कागजात को दिखा सकता है.
लिस्ट B के दस्तावेज
- जन्म प्रमाण
- बोर्ड या विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र
- मतदाता सूची में नाम
- राशन कार्ड
- बैंक या एलआईसी या पोस्ट ऑफिस रिकॉर्ड
- कानूनी रूप से स्वीकार्य अन्य कोई कागजात
- भूमि दस्तावेज
- विवाहित महिलाओं के केस में सर्कल अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव की ओर से दिया गया प्रमाण पत्र
लोग लिस्ट B में बताए गए डॉक्यूमेंट्स को दिखाकर पिता या दादा से संबंध साबित कर सकते हैं.
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