राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय युवा संसद समारोह के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने इस मौके पर स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद ने भारत को उसकी ताकत का एहसास कराया है. स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती का ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है. हमारे स्वतंत्रता सेनानी स्वामी विवेकानंद से बहुत प्रभावित थे. युवाओं में राष्ट्रवाद की समझ डालने में कामयाब रहे.”
पीएमो मोदी ने कहा, “आज का ये दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है. ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है.”
बता दें कि स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के मौके पर हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. 1984 में भारत सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में घोषित किया था.
स्वामी विवेकानंद के सहारे युवाओं को दिया कामयाबी का मंत्र
पीएम मोदी ने कहा, “ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है. वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे.”
पीएम मोदी ने आगे कहा- “स्वामी जी कहते थे, पुराने धर्मों के मुताबिक नास्तिक वो है जो ईश्वर में भरोसा नहीं करता. लेकिन नया धर्म कहता है, नास्तिक वो है जो खुद में भरोसा नहीं करता.”
वंशवाद पर पीएम मोदी का हमला
पीएम मोदी ने राजनीति में वंशवाद पर भी बोला. उन्होंने बिना नाम लिए राजनीतिक परिवारों पर कहा,
देश अब ईमानदारों के साथ है, ईमानदारों को अपनी ताकत दे रहा है. वंशवाद के जहर को रोकने के लिए युवा राजनीति में आए. पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है. क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार. लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती लेकिन आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है. Honesty और Performance आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है. भ्रष्टाचार जिनकी legacy थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है. वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं. राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है. अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं, लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है. अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है. ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है.
“राजनीतिक वंशवाद, नेशन फर्स्ट की बजाय ‘मैं और मेरा परिवार’ की भावना को मजबूत करता है. ये भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है.”पीएम मोदी
पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव में शामिल हुए. समारोह के दौरान महोत्सव के तीन राष्ट्रीय विजेता ने भी अपने विचार रखें. इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय शिक्षा और केन्द्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी मौजूद रहें.
क्या है नेशनल यूथ पार्लियामेंट फेस्टिवल
नेशनल यूथ पार्लियामेंट फेस्टिवल का मकसद 18 से 25 साल के नौजवानों को अपनी बात कहने के लिए मंच देना है जो मतदान करने का अधिकार रखते हैं और आने वाले सालों में सार्वजनिक सेवाओं समेत अलग-अळग सेवाओं में शामिल होंगे. इसका आइडिया 31 दिसंबर, 2017 को प्रधानमंत्री के रेडियो कार्यक्रम मन की बात से आया था. इसके बाद पहला फेस्टिवल 12 जनवरी से 27 फरवरी, 2019 तक न्यू वॉयस ऑफ द न्यू इंडिया और फाइंड सॉल्यूशंस एंड कंट्रिब्यूट टू पॉलिसी थीम पर किया गया था. इसमें कुल 88 हजार युवाओं ने हिस्सा लिया था.
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