ADVERTISEMENTREMOVE AD

देश को पहली कोरोना टेस्टिंग किट देने वाली नारी शक्ति की कहानी

मीनल महाराष्ट्र की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अहिल्या देवी हाईस्कूल से ली है.

Published
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

दुर्गा के छह दिन बीत चुके हैं. नौ दिवसीय इस त्योहार में हर दिन मां के विभिन्न रूपों की पूजा-उपासना हो रही है. आज शरदीय नवरात्र का सातवां दिन मां कालरात्रि का है. यह उत्सव शक्ति पूजा का प्रतीक है, इसलिए हम आपके लिये नारी शक्ति की नौ दिनों की विशेष श्रृंखला लाए हैं. नवरात्रि के इन नौ दिनों में हम आपको मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों के साथ ही देश की उन नारी शक्ति की भी कहानी बताएंगे जो अपने-अपने क्षेत्र में कुछ ज्यादा ही खास हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित हैं, कालरात्रि माता नौ रूपों में सातवां रूप हैं. आज उपासक मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना और उपासना करते हैं. नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. क्योंकि सभी नौ ग्रह मां कालरात्रि के आधीन है. मां कालरात्रि के आर्शीवाद से उनके भक्तों की सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं.

काले वर्ण से कहलाई कालरात्रि, रक्तबीज को मारने मां ने धारण किया प्रचंड रूप

पौराणिक कहानियों के मुताबिक एक बार शुम्भ-निशुम्भ और रक्तबीज नाम के तीन राक्षसों ने तीनों लोक में आतंक मचा रखा था. इससे परेशान होकर सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे और इनके समाधान का उपाय पूछा. तब भगवान शिव ने मां आदि शक्ति से उन तीनों का संहार करके अपने भक्तों को रक्षा के लिए कहा.

इसके बाद माता पार्वती ने उन दुष्टों के संहार के लिए मां दुर्गा का रूप धारण कर लिया. मां ने शुम्भ और निशुम्भ से युद्ध करके उनका अंत कर दिया. लेकिन जैसे ही मां ने रक्तबीज पर प्रहार किया उसके रक्त से अनेकों रक्तबीज उत्पन्न हो गए. यह देखकर मां दुर्गा ने कालरात्रि का रूप धारण किया. मां कालरात्रि ने रक्तबीज पर प्रहार करना शुरू दिया और उसके रक्त को अपने मुंह में भर लिया और रक्तबीज का गला काट दिया.

पौराणिक मान्यता के मुताबिर कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण यानी काले रंग का है, इसलिए इनको कालरात्रि कहा जाता है. इस देवी की पूजा से शुभ फल प्राप्त होता है. इस वजह से मां कालरात्रि को शुभंकरी भी कहा जाता है. देवी को रातरानी का फूल प्रिय है, इसलिए पूजा में उनको यह फूल अर्पित करें. सप्तमी की रात्रि सिद्धियों की रात भी कही जाती है. दुर्गा पूजा का सातवां दिन तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले लोगों के लिए बेहद अहम होता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मां कालरात्रि का स्वरूप : ॐ कालरात्र्यै नमः॥एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

इस खास मौके पर एक और नारी शक्ति की कहानी बताते है जो हैं -वायरोलॉजिस्ट मीनल दखावे भोसले, जिसने भारत की पहली कोरोना वायरसज टेस्टिंग किट बनाई थी. मीनल ने जब यह टेस्ट किट विकसित की तब वह गर्भवती भी थीं. अपनी बेटी को जन्म देने के कुछ घंटे पहले तक दिन-रात मेहनत करके उन्होंने देश की पहली स्वदेशी टेस्ट किट विकसित की थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मीनल ने इस किट पर फरवरी में काम काम शुरू किया था और प्रोजेक्ट पूरा होने पर टेस्टिंग किट नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) को 18 मार्च को सौंपा, इसके अगले दिन ही मीनल को बेटी हुई थी. इस प्रकार महज छह सप्ताह में मीनल ने देश के लिये पहली कोविड टेस्टिंग का विकास किया था.

हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए अपने एक साक्षात्कार में मीनल ने कहा था कि हमारी किट विदेशी किट से काफी सस्ती है और ढाई घंटे में निदान देती है, जबकि आयातित टेस्ट किट से कोविड-19 का पता लगाने में छह-सात घंटे लगते हैं. उन्होंने कहा था कि ‘यह आपातकाल का समय है और इस वजह से मैंने इसे एक चैलेंज की तरह लिया. मुझे मेरे देश के लिए यह काम करना था.’

न्यूज एजेंसी पीटीआई से भोसले ने कहा था कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे उन्होंने दो बच्चों को एक साथ जन्म दिया है. उन्होंने आगे कहा कि गर्भावस्था में कुछ जटिलताएं थीं और उधर, जांच किट पर भी काम जारी था. बच्ची का जन्म सीजेरियन से हुआ. मीनल ने कहा कि मैं इस क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों से काम कर रही हूं और अगर मैं आपात स्थिति में काम नहीं करूं, जब मेरी सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत हो तो इसका क्या फायदा?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मीनल मूल रूप से पुणे महाराष्ट्र की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अहिल्या देवी हाईस्कूल से ली है. इसके बाद पुणे यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में काम किया. मीनल मायलैब लाइफसॉल्यूशंस में रीसर्च एंड डेवलपमेंट लैब हेड के तौर पर काम कर रही हैं. मीनल ने छह सप्ताह के रिकॉर्ड समय में कोरोना वायरस टेस्टिंग किट तैयार की थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×