ADVERTISEMENTREMOVE AD

छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट का फायदा उठाने के फिराक में नक्सली

बस्तर में नक्सलियों ने जो पर्चे बांटे हैं, उससे हो रहा उनके मंसूबों का खुलासा

Published
भारत
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कोरोना लॉकडाउन के कारण भारी संख्या में लोग गांवों को लौटे हैं. भारी तादाद में लोग बेरोजगार हुए हैं. ऐसे में झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे इलाकों में नक्सली इस मौके का फायदा अपने संगठन को बढ़ाने के लिए करते नजर आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली अपने साथियों की शहादत को याद करने के लिए शहीद सप्ताह मनाने से जुड़े पर्चे बांट रहे हैं. वैसे तो शहादत सप्ताह हर साल मनाया जाता है, लेकिन इस बार पर्चे में कुछ अलग लिखा है, जो कान खड़े कर रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पर्चे में लिखा है कि-''जुलाई 2019 से जुलाई 2020 के बीच 50 साथी शहीद हुए हैं, इसलिए 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाएं.'' ये पर्चा नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने जारी किया है, जो  छत्तीसगढ़ में सक्रिय है. पर्चे में कोरोना से पीड़ित लोगों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की गई है.

बस्तर में नक्सलियों ने जो पर्चे बांटे हैं, उससे हो रहा उनके मंसूबों का खुलासा
नक्सलियों ने बस्तर इलाके में ये पर्चे बांटे हैं
(फोटो: क्विंट हिंदी/राजा सिंह राठौर)
लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी, भुखमरी और अकाल मृत्यु के कारण पीड़ित जनता को गोलबंद होकर जन आंदोलन को तेज करना चाहिए.
नक्सलियों के पर्चे की एक लाइन

साफ है कि नक्सली मौके का फायदा उठाना चाहते हैं. कोरोना के कारण अचानक गांवों में लोग बढ़े हैं. ऐसे लोग जिनका रोजगार शहर में छिन गया और अब गांव में भी कोई काम नहीं है, नक्सली उनको टारगेट कर रहे हैं.

माओवादियों के शहीद सप्ताह एवं जनआंदोलन को तेज करने की अपील पर क्विंट ने पूर्वी सिंहभूम में तैनात SP ऑरेशन्स, गुलशन तिर्की से बात की जो बस्तर में काम कर चुके हैं.

बस्तर में नक्सलियों ने जो पर्चे बांटे हैं, उससे हो रहा उनके मंसूबों का खुलासा
जंगल में नक्सलियों की ट्रेनिंग
(फोटो: क्विंट हिंदी/राजा सिंह राठौर)
इनका असल‌ मकसद टीम बढ़ाना है. वो इन कार्यक्रमों से जनता को बताते हैं कि मारे गए लोगों ने हमारे हक की लड़ाई के लिए जान दी है इसलिए संगठन से जुड़िए
गुकशन तिर्की, SP ऑरेशन्स, पूर्वी सिंहभूम

इस पर्चे में केंद्र सरकार पर भी हमला बोला गया है. इसमें NRC-CAA को तानाशाही कानून बताया गया है और RSS को भगवा आतंकी कहा गया है.

यह पहला साल नहीं है, क्रांतिकारी चारू मजूमदार की शहादत के बाद से शहीदों की याद में हर साल 28 जुलाई से शहीद सप्ताह मनाते हैं. हम गांव से लेकर शहर तक शहीदों के बारे में बताएंगे, जिन्हें क्रांति का मकसद समझ में आएगा, वो हमसे जुड़ेंगे.
प्रवक्ता, दक्षिण सब-जोनल ब्यूरो

इस आयोजन को लेकर बस्तर का सुरक्षा अमला भी अलर्ट है. बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने क्विंट से कहा -

हमारी कोशिश रहेगी कि इलाके में आम जनता को किसी तरह की तकलीफ न हो. जनता को जान-माल का कोई नुकसान न हो. इसलिए पारा मिल्ट्री फोर्स, पुलिस मुस्तैद रहेगी.
पी सुंदरराज, आईजी, बस्तर
बस्तर में नक्सलियों ने जो पर्चे बांटे हैं, उससे हो रहा उनके मंसूबों का खुलासा
बस्तर के आईजी पी सुंदरराज
(फोटो: क्विंट हिंदी/राजा सिंह राठौर)

आईजी पी सुंदरराज के मुताबिक- ''अब इनकी विचारधारा का कोई असर नहीं रह गया है. ये सिर्फ अपराधी गैंग की तरह घूम रहे हैं. इन लोगों ने भी मान लिया है कि इनके हाथ से नए-नए इलाके निकलते जा रहे हैं.''

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×