राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद मजीद मेनन ने आरोप लगाया है कि बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले ही दिन 'जिन केंद्रीय मंत्रियों को सदन के पटल पर जो जवाबी कागजात रखने थे, ऐसे सभी 7 केंद्रीय मंत्री अनुपस्थित रहे हैं.' इसके अलावा राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति ने भी सांसदों से निवेदन किया है कि वो संसद की कार्यवाही में शामिल हों, संसद के नियम-कायदों, प्रणालियों को सीखें.
बता दें कि संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 8 मार्च से ही शुरू हुआ है. पहले ही दिन एनसीपी के राज्यसभा सांसद मजीद मेनन ने केंद्रीय मंत्रियों की गैरहाजिरी को लेकर ट्विटर पर लिखा है.
मजीद मेनन ने आरोप लगाया कि सभी 7 केंद्रीय मंत्री जिनका नाम सदन के पटल पर दर्ज था और उनको उससे जुड़े कागजात पटल पर रखने थे, वो कार्यवाही से गैर-हाजिर रहे हैं.
गैर-बीजेपी, गैर-कांग्रेसी सांसदों की उपस्थिति चिंताजनक: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने 4 मार्च को कहा कि संसदीय बैठकों में गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी सांसदों की अनुपस्थित चिंता का विषय है. संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि अन्य पार्टियों की उपस्थिति पिछले साल 40% से गिरकर 27% पर आ गई है. वहीं सभी बैठकों में कुल उपस्थिति को देखें तो ये 48% से गिरकर 42% पर आ गई हैं.
सदन की कार्यवाही में शामिल हों सांसद: नायडू
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि सांसद राष्ट्रीय राजधानी में रहने के बावजूद सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होते हैं. नायडू ने सांसदों को सलाह दी कि 'पार्लियामेंट्री लाइब्रेरी में जाने से ज्ञान बढ़ेगा. सदन में उपस्थित रहने से संसदीय कार्यवाहियों को सीखने, समझने का मौका मिलेगा. मैं चाहूंगा कि आप पार्लियामेंट्री लाइब्रेरी जाएं और सदन की कार्यवाही में शामिल हों.'
पीएम मोदी भी 2019 में पार्टी के नेताओं की संसद में गैरहाजिरी पर क्लास लगा चुके हैं. बीजेपी संसदीय दल की बैठक में तब पीएम मोदी ने बीजेपी सांसदों को संदेश देते हुए कहा था कि पार्टी सांसदों की हाजिरी पर करीब से नजर रख रही है.
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