राष्ट्रीय महिला आयोग ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की एंटी ट्रॉलिंग से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराने वाली योजना पर ऐतराज जताया है. कमीशन के मुताबिक इंटरनेट एक खुला स्पेस है जिसकी निगरानी करना नामुमकिन है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मंगलवार को घोषणा की थी कि ट्रॉलिंग का शिकार होने वाली महिलाएं अपनी शिकायत ट्वीट के जरिए दर्ज करा सकती हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा ललिता कुमारमंगलम ने मेनका गांधी की योजना को सिरे से नकार दिया है.
आप इंटरनेट की निगरानी नहीं रख सकते. एक पूरे ब्रह्मांड की तरह है यहां अरबों ट्विटर अकाउंट हैं. साइबर अपराध की समस्या यह है कि ये एक विशेष किस्म का अपराध होता है जिससे निपटने के लिए विशेषज्ञों की जरुरत होती है. दरअसल, इस पर केवल पुलिस ही कुछ कर सकती है.ललिता कुमारमंगलम, चेयरपर्सन,नेशनल कमीशन फॉर वूमेन
मेनका गांधी ने मंगलवार को इस योजना की घोषणा की थी. इसके बाद से अब तक सैकड़ों सोशल मीडिया यूजर्स मेनका गांधी को अपनी शिकायत पहुंचा चुके हैं.
हम फेसबुक और ट्विटर दोनों से बात कर रहे हैं. लेकिन हमारा ध्यान ट्विटर की ओर ज्यादा है क्योंकि ज्यादा गाली-गलौज वहीं होती है. हम फेसबुक, ट्विटर और पुलिस के साथ बात कर एक खास रणनीति बना रहे हैं.मेनका गांधी, बीजेपी नेता
महिला बाल विकास मंत्रालय ने #IamTrolled नाम से हैशटेग चलाया था जिससे परेशान महिलाएं अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकें. उस दिन ये हैशटैग सबसे ज्यादा ट्रेंड हुआ था.
महिला बाल विकास मंत्रालय के पास इसके लिए एक अलग वूमेन साइबर सेल होगी. इसके साथ ही इन मामलों के लिए एक संयुक्त सचिवालय भी होगा.
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