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NEET 2024: बिहार से कैसे जुड़ रहे कथित नीट पेपर लीक के तार? अब तक 24 गिरफ्तार

NEET 2024: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट-यूजी 2024 के पेपर लीक होने के आरोपों को खारिज किया है.

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NEET 2024 को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ. नतीजों में धांधली के आरोपों के बाद अब पेपर लीक के आरोप लग रहे हैं. कथित NEET 2024 पेपर लीक के तार बिहार से जुड़ रहे हैं. दरअसल, राजधानी पटना के शास्त्री नगर थाने में एक FIR दर्ज किया गया था, जिसमें पेपर लीक के आरोप लगाए गए थे. पटना, पूर्णिया और कटिहार से कुल 24 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की ओर से गठित SIT कर रही है.

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हालांकि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार, 13 मई को नीट-यूजी 2024 के पेपर लीक होने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इन दावों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी छात्र का नुकसान नहीं हो.

चलिए आपको एक-एक करके बताते हैं कि कैसे कथित नीट पेपर लीक के तार बिहार से जुड़ रहे हैं. पटना, पूर्णिया और कटिहार में क्या कार्रवाई हुई है?

पटना में पेपर लीक की साजिश?

राजधानी के शास्त्री नगर थाने में नीट परीक्षा के दिन यानी 5 मई को एक FIR दर्ज की गई थी. थानाध्यक्ष अमर कुमार के बयान के आधार पर दर्ज FIR में कहा गया है कि NEET UG 2024 का पेपर लीक हुआ था और परीक्षा से एक रात पहले कई छात्रों को आंसर-की मिल गई थी.

"NTA द्वारा आोजित नीट परीक्षा में एक संगठित गिरोह, कुछ स्टूडेंट्स और परीक्षा कंडक्ट करने वाले कर्मियों के मिली भगत से प्रश्न पत्र की चेन ऑफ कस्टडी की इंटीग्रिटी को भंग किया गया है और पेपर लीक किया गया है."
FIR

FIR के मुताबिक, परीक्षा के दिन एक संगठित गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा गया था, ये लोग एक एग्जाम सेंटर के आसपास कार में घूम रहे थे. आरोपियों की गाड़ी से चार एडमिट कार्ड की फोटोकॉपी बरामद की गई थी.

आरोपियों में से एक सिकंदर यादवेंदु ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उसने कुछ लोगों की मदद से कुछ स्टूडेंट्स की सेटिंग करवाई थी. पुलिस ने फिर एक अभ्यर्थी आयुष राज से पूछताछ करके इसकी पुष्टि की, जिसका एडमिट कार्ड आरोपी की कार से बरामद हुआ था. FIR के मुताबिक, आयुष राज ने पुलिस को बताया,

"खेमनीचक स्थित लर्न बॉयज हॉस्टल और लर्न प्ले स्कूल में मुझे 04-05 मई की रात को ले जाकर प्रश्नपत्र उत्तर सहित दिया गया था और याद करने के लिए कहा गया था. आज की परीक्षा में सभी प्रश्न शत-प्रतिशत मिले. मेरे साथ अन्य 20-25 परीक्षार्थियों को भी प्रश्न पत्र उत्तर सहित दिया गया और रटाया गया."

पुलिस ने IPC की धारा-407 (वाहक आदि द्वारा आपराधिक विश्वास का उल्लंघन), 408 (क्लर्क या नौकर द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 409 (लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा विश्वासघात) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है.

आरोपियों में से एक सिकंदर यादवेंदु बिहार सरकार में जूनियर इंजीनियर बताया जा रहा है. सॉल्वर गैंग के सदस्यों सहित परीक्षार्थी और उनके परिजनों को अरेस्ट किया गया है. मामले में अब तक 13 गिरफ्तारियां हुई हैं.

SIT को मिला था जला हुआ प्रश्नपत्र

बिहार आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. SIT ने "संगठित अंतर-राज्यीय गिरोह" के सदस्यों से कई उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड, पोस्ट-डेटेड चेक और प्रमाण पत्र जब्त किए थे.

आठ सदस्यीय SIT का नेतृत्व EOU के पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) मदन कुमार आनंद कर रहे हैं.

SIT ने मामले की जांच के दौरान NTA को कुछ नंबर सौंपे थे और उन नंबरों की जानकारी मांगी थी. इसके साथ ही पूछा था कि और उनका NTA से क्या संबंध है. इसके साथ ही EOU ने NTA से रेफरेंस क्वेश्चन पेपर भी मांगे थे.

जानकारी के मुताबिक, जिस स्थान पर परीक्षा की सेटिंग हुई थी, वहां पर छापेमारी के दौरान पुलिस को जले हुए प्रश्न पत्र मिले थे. फोरेंसिक जांच में पाया गया कि पेपर पर लिखे शब्द सवालों से मिलते-जुलते हैं. वहीं गिरफ्तार लोगों से भी जब पूछताछ की गई तो उन लोगों ने भी बताया कि जले हुए पेपर वाले सवाल ही परीक्षा में पूछे गए थे.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में EOU के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एनएच खान ने कहा, "हमने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से कुछ सवाल पूछे थे, जो NEET का आयोजन करती है. हमारी टीम को अभी जवाब मिले हैं. हमारे पास कुछ फॉलो-अप सवाल हो सकते हैं. हम अपनी जांच के दौरान मिले कुछ कॉन्टैक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जो पेपर लीक होने का संकेत दे रहे हैं."

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पूर्णिया और कटिहार से भी गिरफ्तारी

परीक्षा के दौरान पूर्णिया से 4 डमी कैंडिटेट गिरफ्तार किए गए थे. जानकारी के मुताबिक, 20 लाख में डील तय हुई थी और पेपर खत्म होने के बाद प्रति कैंडिडेट 5 लाख रुपये मिलने थे. आरोपी राजस्थान के जालौर, बिहार के भोजपुर, बेगूसराय और सीतामढ़ी के रहने वाले हैं. ये सभी मेडिकल स्टूडेंट्स बताए जा रहे थे. आरोपियों को मधुबनी टीओपी थाना के SRDC स्कूल एग्जाम सेंटर से पकड़ा गया था.

तो वहीं दूसरी तरफ कटिहार में 7 डमी कैंडिडेट्स को पकड़ा गया था. कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार ने बताया था, "कोढ़ा थाना क्षेत्र के कोलासी के एक परीक्षा केंद्र से 7 लोगों को दूसरे परीक्षार्थी के नाम पर परीक्षा देने के आरोप में एडमिट कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट मिसमैच होने के बाद हिरासत में लिया गया था. जांच के बाद इन लोगों को जेल भेज दिया गया."

(इनपुट- महीप राज)

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