बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों पर अब सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है. केंद्र सरकार ने अब बच्चों के साथ यौन अपराधों वाले कानून को काफी सख्त बना दिया है. पॉक्सो एक्ट को मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी. अब इसमें नए संशोधन के तहत अपराध करने वाले को सजा ए मौत तक दी जा सकती है.
कानून में हुए संशोधन
पॉक्सो यानी (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्डर्न फ्रॉम सेक्सुअल अफेंस एक्ट) में कई संशोधन किए गए हैं. इस एक्ट की अलग-अलग धाराओं में संशोधन किए गए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन संशोधनों को अपनी मंजूरी दी. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, यह सरकार की एक कोशिश है जिसमें पॉक्सो एक्ट की पूरी संरचना को मजबूत किया गया है. साथ ही इसका विस्तार भी हुआ है. इससे बच्चों के साथ दरिंदगी करने वाले अपराधियों पर सख्त कार्रवाई होगी.
पॉक्सो एक्ट की कई धाराओं में संशोधन हुआ है. अब बच्चों के साथ संगीन यौन अपराध की स्थिति में अपराधी को मौत की सजा दी जाएगी. बच्चों के प्रति बढ़ते यौन अपराधों के चलते केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है. अब ऐसे अपराध करने वालों को 20 साल तक की सजा या फिर मौत की सजा होगी.
क्यों हुआ संशोधन
भारत में हर साल बच्चों पर होने वाले यौन अपराधों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसे रोकने के लिए ही सरकार को इस कानून में संशोधन करने की जरूरत पड़ी. इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चे आते हैं. अब नए संशोधन के तहत बच्चों पर हुए संगीन यौन अपराध पर मौत की सजा हो सकती है. इसके अलावा बच्चों को ड्रग्स या दवाएं देकर उनके हार्मोंस में किसी भी तरह की छेड़छाड़ करने की धारा 9 में भी संशोधन किया गया है.
बच्चों की पॉर्नोग्राफी पर सजा
इस नए संशोधन में बच्चों की पॉर्नोग्राफी से निपटने के लिए भी नियम सख्त किए गए हैं. अगर किसी के फोन, लैपटॉप या फिर पेन ड्राइव में बच्चों की पॉर्नोग्राफी है और वह उसे अपने पास रखता है तो उस व्यक्ति को सजा हो सकती है. सरकार के मुताबिक यह इसलिए किया गया है क्योंकि चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से बच्चों पर होने वाले यौन अपराध बढ़ सकते हैं. इन्हें रोकने के लिए इस धारा को और सख्त बनाया गया है.
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