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New Parliament Building: नया संसद भवन अंदर से कैसा दिखता है? वीडियो आया सामने

पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से संसद की नई बिल्डिंग का वीडियो ट्वीट करते हुए जनता से एक अपील की है.

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भारत
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संसद भवन की नई बिल्डिंग (New Parliament Building) अहमदाबाद के HCP डिजाइन, प्लानिंग और मैनेजमेंट के तहत आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने इसे डिजाइन किया है. टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने मौजूदा संसद भवन का निर्माण किया है. आगामी 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे. इससे दो दिन पहले सरकार ने शुक्रवार को नए संसद भवन का फर्स्ट लुक जारी किया.

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पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से नई बिल्डिंग का एक वीडियो ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने अवाम को नए संसद भवन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए "खुद अपनी आवाज" के साथ शेयर करने के लिए प्रोत्साहित किया.

नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि

"नया संसद भवन हर भारतीय के लिए गर्व की बात है. यह वीडियो इस इमारत की झलक पेश करता है. मेरी एक गुजारिश है कि इस वीडियो को अपने खुद के वॉयस-ओवर के साथ शेयर करें, मैं उनमें से कुछ वीडियोज को री-ट्वीट करूंगा."

2020 में हुआ था शिलान्यास

नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर, 2020 को इस इमारत का शिलान्यास किया था. इसका निर्माण कार्य जनवरी 2021 में शुरू हुआ. लगभग 64,500 स्कवायर मीटर के में फैली यह नई इमारत मौजूदा संसद भवन के बगल में स्थित है. इसमें नई टेक्नोलॉजी है, जिसमें बायोमेट्रिक्स, ट्रैन्स्लेशन सिस्टम और प्रोग्रामेबल माइक्रोफोन शामिल हैं.

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विपक्षी दलों का बॉयकॉट

कुल 20 विपक्षी दलों ने संसद भवन की नई इमारत के उद्घाटन समारोह का बॉयकॉट का ऐलान किया है. इसके बाद सियासी सरगरमी बढ़ गई है. विपक्षी दलों के जो नेता इसके विरोध में हैं, उनको कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए पीएम मोदी का खुद इसका उद्घाटन करने का फैसला राष्ट्रपति पद का अपमान है और यह संविधान की भावना के खिलाफ है.

"ओछी राजनीति" का आरोप

कई विपक्षी दलों के ऐलान के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर "ओछी राजनीति" करने और लोगों के जनादेश का "अपमान" करने का आरोप लगाया है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों से "अपने फैसले पर पुनर्विचार" करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि किसी को भी इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. नई संसद लोकतंत्र का प्रतीक है और सभी भारतीयों की ख्वाहिश है.

कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा कि "एक व्यक्ति के अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा" ने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को परिसर का उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया.
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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. कोर्ट की एक बेंच ने पीआईएल को खारिज कर दिया. इसमें लोकसभा सचिवालय को यह हिदायत देने की बात कही गई थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी के बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा करवाया जाए.

अपीलकर्ता ने संविधान के आर्टिकल 79 का हवाला देते हुए कहा था कि राष्ट्रपति के पास संसद को बुलाने और सत्रावसान करने या लोकसभा को भंग करने की ताकत होती है इसलिए नए संसद भवन के उद्घाटन से दूर नहीं रखा जाना चाहिए.

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