ADVERTISEMENTREMOVE AD

टीवी शो में गरमा-गरमी और जहर पर फिर सोचने की जरूरत

टीवी डिबेट के गिरते स्तर को लेकर सवाल

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

कांग्रेस के नेता और राष्ट्रिय प्रवक्ता राजीव त्यागी का निधन हो गया है. राजीव त्यागी निधन से कुछ ही मिनट पहले एक टीवी चैनल की बहस में शामिल हुए थे. ये बहस बेंगलुरु में फेसबुक पोस्ट को लेकर हुई हिंसा पर था. राजीव त्यागी की मौत के बाद न्यूज चैनल पर होने वाली बहस या डिबेट को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बता दें कि बुधवार की शाम राजीव न्यूज चैनल की बहस में शामिल थे, बहस खत्म होने से कुछ मिनट पहले ही उन्हें तकलीफ शुरू हुई और वह बेहोश हो गए. उन्हें गाजियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

राजीव की मौत के बाद जब बीजेपी प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने ट्विटर पर शोक जाहिर किया तो लोगों ने आखिरी डिबेट में राजीव त्यागी के खिलाफ बोले गए कथिट अभद्र शब्दों को लेकर उन्हें घेरना शुरू कर दिया. संबित पात्रा ने लिखा,

“विश्वास नहीं हो रहा है कंग्रेस के प्रवक्ता मेरे मित्र श्री राजीव त्‍यागी हमारे साथ नहीं है. आज 5 बजे हम दोनों ने साथ में डिबेट भी किया था. जीवन बहुत ही अनिश्चित है ...अभी भी शब्द नहीं मिल रहे हैं, गोविंद राजीव जी को अपने श्री चरणों में स्थान देना.”

संबित पात्रा के इस ट्वीट पर कई कांग्रेसी नेताओं से लेकर सोशल मीडिया यूजर ने तीखी आलोचना की है. दरअसल, राजीव त्यागी के आखिरी डिबेट शो में संबित पात्रा भी शामिल थे. इसी दौरान संबित पात्रा ने राजीव त्यागी के बातों का जवाब देते हुए जय चंद और टीका लगाने से कोई हिंदू नहीं हो जाता जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था.

अब कांग्रेस नेताओं ने इस तरह की बहस पर नाराजगी जाहिर की है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा,

कब तक जहरीली डिबेट और विषैले प्रवक्ता संयम और सादगी की जबान की जान लेते रहेंगे? कब तक इस बहस से टीआरपी का धंधा चलेगा? कब तक हिंदू-मुसलमान के विभाजन का जहर इस देश की आत्मा को लीलता रहेगा? कब तक?

टीवी डिबेट के गिरते स्तर को लेकर सवाल

कई लोग अब न्यूज चैनल के डिबेट, एंकरों के चीखने और प्रवक्ताओं के अनाप-शनाप बोलने पर रोक की मांग कर रहे हैं, साथ ही कई सारे लोग टीवी डिबेट के बहिष्कार की भी आवाज उठा रहे हैं.

टीवी चैनल को बदलना होगा आपना तरीका

आए दिन सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल से जुड़े चीखने-चिल्लाने, अभद्र भाषा का इस्तेमाल और हाथापाई के वीडियो क्लिप वायरल होते रहते हैं. ऐसे में अब इस घटना के बाद अलग-अलग पार्टी और टीवी देखने वाले लोग इस तरह की बहस में बदलाव की बात कर रहे हैं.

न्यूज चैनल पर हो रहे अभद्र बहस के लिए सिर्फ किसी पार्टी के प्रवक्ता ही नहीं बल्कि एंकर और न्यूज चैनल भी जिम्मदार है. राजीव त्यागी की मौत ने टीवी शो में गरमा-गरमी और जहर फलाने को लेकर फिर सोचने की जरूरत पर ला खड़ा किया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×