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सरकार का पुतला फूंकने पर पुलिस से राकेश टिकैत की धक्का-मुक्की

किसानों के काला दिवस मनाने को लेकर पहले से ही दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.

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भारत
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तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को छह महीने पूरे होने पर आज किसान संगठन काला दिवस मना रहे हैं. इस मौके पर दिल्ली के गाजीपुर पर किसान और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हुई. दरअसल, कोरोना के दौरान नियमों को अनदेखा कर किसान नेता राकेश टिकैत यूपी गेट पर कई आंदोलनकारियों के साथ जमा हुए थे. किसानों के हाथ में काले झंडे थे और वो सरकार के खिलाफ पुतला फूंकने की कोशिश कर रहे थे, इसी दौरान किसानों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की हुई.

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हालांकि किसानों ने पुतला जलाया और सरकार के विरोध में नारे लगाए फिर सब वापस अपने धरना स्थल पर चले गए. बता दें कि किसान आंदोलन के दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने पूरा होने पर और केंद्र की मोदी सरकार को 7 साल पूरा होने पर सयुंक्त किसान मोर्चा ने इस दिन मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया. 

बता दें कि किसान आंदोलन के दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने पूरा होने पर और केंद्र की मोदी सरकार को 7 साल पूरा होने पर सयुंक्त किसान मोर्चा ने इस दिन मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, सरकार को कृषि कानून वापस लेने होंगे. आज देशभर में लोग सरकार के खिलाफ काला झंडा हाथों में लेकर खड़े हुए हैं.

एक बार फिर सभी किसानों ने इस बात को दोहराया कि जब तक किसानों की मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक किसान इसी तरह दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहेंगे. किसानों के काला दिवस मनाने को लेकर पहले से ही दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसान अपने घरों की छत और ट्रैक्टर पर काले झंडे लगाकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे हें.

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