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FAQs: क्या दिल्ली में लगेगा एक और लॉकडाउन? क्या हैं हालात? जानिए

दिल्ली सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है.

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भारत
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दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों को बढ़ता देख, दिल्ली सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है. 19 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि मास्क नहीं पहनने पर जुर्माने को 500 से बढ़ाकर 2000 किया जा रहा है. साथ ही, केजरीवाल ने हालात पर सभी दलों के साथ एक बैठक भी की.

इससे पहले, दिल्ली सरकार ने शादी समारोह में मेहमानों की संख्या को 200 से घटाकर वापस 50 कर दिया था. सीएम केजरीवाल ने ये भी इशारा दिया था कि दिल्ली के जो मार्केट कोविड हॉटस्पॉट बन सकते हैं, उनमें पाबंदी लगाया जा सकता है.

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दिल्ली में संक्रमण के बढ़ते मामलों और मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद, लोगों में एक और लॉकडाउन को लेकर सवाल पैदा हो गए हैं. तो क्या दिल्ली में लगाया जाएगा एक और लॉकडाउन? क्या है दिल्ली के हालात? अभी तक जो बातें सामने आई हैं, आप वो नीचे पढ़ सकते हैं.

क्या दिल्ली में लॉकडाउन को लेकर कोई ऑफिशियल ऐलान हुआ है?

नहीं. न ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और न ही किसी दूसरे मंत्री ने दिल्ली के एक और लॉकडाउन में जाने की संभावना के बारे में बोला है. इससे पहले नवंबर में, दिल्ली सरकार ने स्वीकार किया कि दिल्ली कोरोना की तीसरी लहर की चपेट में थी, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि उन्हें अगले 7 से 10 दिनों में स्थिति में सुधार की उम्मीद है. सीएम केजरीवाल ने कहा था कि अचानक मामले बढ़ने के पीछे प्रदूषण है और वो जल्द ही कई कदम उठाएंगे.

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वो कदम क्या थे? क्या लॉकडाउन भी एक ऑप्शन था?

पूरी दिल्ली में लॉकडाउन का कभी कोई जिक्र नहीं किया गया. 17 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने शादियों में 200 की जगह वापस 50 लोगों को अनुमति देने का एक प्रस्ताव उपराज्यपास अनिल बैजल को भेजा है. उपराज्यपाल ने 18 नवंबर को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ये भा कहा था कि वो, जो मार्केट कोविड हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहे हैं, वहां लॉकडाउन लागू करने के लिए दिल्ली सरकार को शक्ति देने के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भेज रहे हैं. केजरीवाल ने केवल मार्केट की बात की थी, न की पूरी राजधानी में. त्योहार के दिनों में दिल्ली के बाजारों में भारी भीड़ देखी गई थी और कई लोग बिना मास्क के ही घूमते नजर आए थे.

19 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में, केजरीवाल ने कहा कि सार्वजनिक जगहों पर मास्क नहीं पहनने वाले पर 2000 का जुर्माना लगेगा. पहले जुर्माना 500 रुपये था. गुरुवार को, केजरीवाल ने सभी दलों के साथ दिल्ली में कोविड हालात पर एक बैठक भी की.

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लॉकडाउन की संभावना पर दिल्ली के मंत्रियों ने क्या कहा?

सभी ने दिल्ली में एक और लॉकडाउन की संभावना को नकारा है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 16 नवंबर को कहा कि दिल्ली में कोई लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है, और तीसरी लहर पार कर गई है.

जैन ने कहा था, “कोई लॉकडाउन नहीं होगा. मुझे नहीं लगता कि ये अब प्रभावशाली कदम होगा. सभी का मास्क पहनना ज्यादा कारगार होगा... दिल्ली में कोविड की तीसरी लहर पार हो चुकी है.”

इसके अलाला, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कई बार कहा कि सरकार का लॉकडाउन लगाने का कोई प्लान नहीं है.

“दिल्ली सरकार का लॉकडाउन लागू करने का कोई इरादा नहीं है. हमारा मानना है कि COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में लॉकडाउन समाधान नहीं है. समाधान है- बेहतर अस्पताल प्रबंधन और बेहतर मेडिकल सिस्टम”

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दिल्ली सरकार बढ़ते कोविड केसों से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रही है?

सीएम केजरीवाल ने 19 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो अस्पतालों में आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ा रहे हैं. दिल्ली सरकार ने 90 प्राइवेट अस्पतालों के कुल बेड्स में से 60% को कोरोना के लिए रिजर्व किया है. केजरीवाल ने बताया कि अभी दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और प्राइवेट अस्पतालों को मिलाकर करीब साढ़े 7 हजार बेड्स उपलब्ध हैं.

बुधवार, 18 नवंबर को केजरीवाल दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में पहुंचे और वहां तैयारी का जायजा लिया. उन्होंने कहा, “अगले कुछ दिनों में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आईसीयू के 663 बेड्स बढ़ाए जाएंगे, शुक्रवार से जीटीबी अस्पताल में 238 एकस्ट्रा बेड्स लगेंगे. केंद्र सरकार ने DRDO अस्पताल में 750 आईसीयू बेड्स देने का आश्वासन दिया है.”

15 नवंबर को, दिल्ली में कोविड हालात की समीक्षा के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम केजरीवाल और दिल्ली सरकार के साथ बैठक भी की. बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 750 बेड्स मुहैया कराने का आश्वासान दिया है. सीएम ने ये भी कहा कि दिल्ली में डेली कोविड टेस्टिंग को भी 1 लाख तक बढ़ाया जाएगा.

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तो क्या दिल्ली में हालात काबू में हैं?

दिल्ली में भले ही कोई लॉकडाउन नहीं लगाया जाए, लेकिन कोविड के बढ़ते मामले सरकार के लिए चिंता का विषय हैं. अक्टूबर महीने के आखिरी के कुछ दिनों से कोरोना के केसों में बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले हफ्ते दिल्ली में कोरोना के रोजाना केस 8000 तक पहुंच गए. दिल्ली में एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें भी पिछले हफ्ते रिकॉर्ड की गई.

11 नवंबर को दिल्ली में एक दिन में सबसे ज्यादा केस- 8,593 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद, दिल्ली में रोजाना मामलों में कमी आई, लेकिन कई दिन टेस्टिंग के आंकड़े भी कम रहे.

दिल्ली में सब ठीक तो नहीं है! दिल्ली हाईकोर्ट ने भी गुरुवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा, “शादी में लोगों की संख्या कम करने के लिए अब तक इंतजार क्यों किया? आपने 18 दिनों तक इंतजार क्यों किया? इस दौरान कितने लोगों की कोरोना से मौत हो गई?”

“हमें बहुत निराशा होती है ये जानकर कि राष्ट्रीय राजधानी में मरने वालों की संख्या एक दिन में 131 तक पहुंच गई है. रात भर चिताएं जल रही हैं. श्मशान घाट मृतकों से भरा पड़ा है. क्या आप समझ रहे हैं क्या स्थिति है?”
दिल्ली हाईकोर्ट
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ऐसे में, क्या दिल्ली में लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए? एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

एक्सपर्ट की इसपर अलग-अलग राय है.

फोर्टिस-C-DOC अस्पताल के चेयरमैन अनूप मिश्रा ने द इकनॉमिक टाइम्स से कहा, “मुझे लगता है कि हालात और खराब होंगे. 7 दिनों के लिए थोड़ा लॉकडाउन (मेट्रो सर्विस और बसें बंद करना) मदद कर सकता है.”

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सदस्य, गिरिधर आर बाबू की इसपर अलग राय है. उन्होंने पब्लिकेशन से कहा, “लॉकडाउन ठीक से तैयारी करने और संक्रमण को रोकने के लिए लगाया गया था. अब लॉकडाउन की जरूरत नहीं है, जब इसके गोल पहली बार में ही पूरे नहीं हुए थे.”

क्विंट से बात करते हुए, DBT इंडिया अलाएंस, वेलकम ट्रस्ट के सीईओ और वायरोलॉजिस्ट, डॉ. शाहिद जमील ने कहा कि पूरे शहर में नहीं, लेकिन कुछ इलाकों में लॉकडाउन की जरूरत पड़ सकती है. साथ ही उन्होंने त्योहार के दौरान बाजार में जुटने वाली भीड़ पर कहा है कि अस्पताल में बेड भरे हुए हैं और लोग बिना मास्क लगाए,  सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए बिना घूम रहे हैं, जो बेहद खतरनाक हो सकता है. लोगों को ऐसा करने से रोकना चाहिए. लोगों इस वक्त बहुत सावधान रहने की जरूरत है बिना जरूरत के घर से ना निकलने में ही समझदारी है.

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